ये खूबसूरत बुग्याल (उच्च हिमालयी हरी घास और फूल के मैदान) पंचकेदार-रुद्रनाथ मंदिर ट्रैक पर स्थित हैं। यह इलाका उत्तराखंड के सीमांत जिला चमोली में आता है। ट्रैक 2290 मीटर की ऊंचाई पर है। रास्ते में कई बुग्याल और झरने हैं। यहां पहुंचने के लिए सबसे पहले गोपेश्वर आना होता है। यहां से पांच किमी दूर सगर गांव है।
वहां से ल्वीटी बुग्याल के बाद करीब तीन किमी की चढ़ाई के बाद पनार बुग्याल आता है। यहां 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित ऐसा स्थान है, जहां वृक्ष रेखा खत्म हो जाती है और मखमली घास के मैदान (बुग्याल) अचानक दृश्य बदल देते हैं। यह घाटियां कई किस्म की घास और फूलों से भरी हुई हैं।
बारिश से मुंबई बेहाल
बारिश से मुंबई के नायर और जेजे अस्पताल परिसर में पानी भर गया। चर्नीरोड स्टेशन के पास रेलवे लाइन के बिजली के तार पर पेड़ गिर गया। चित्र नवी मुंबई के उरण का, जहां सड़क पर गड्ढे हो गए। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में गुरुवार को 34 रोड और 9 स्टेट हाइवे बंद कर दिए गए हैं। मौसम विभाग ने 24 घंटे महाराष्ट्र, गुजरात, कोंकण-गोवा के अंदरूनी क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी दी है।
नाव से लाना पड़ रहा पानी
फोटो मुजफ्फरपुर (बिहार) के शेखपुर ढाब की है। इसके साथ-साथ शहर के कई इलाके एक पखवारा से अधिक समय से बारिश-बाढ़ व नाले के पानी के जलजमाव का भीषण संकट झेल रहे हैं। सड़कों पर अब भी कई जगह घुटना भर पानी है। ऐसे में हजारों लोग बांध या अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। जो लोग फिर भी घर में टिके हुए हैं उन्हें रोजमर्रा के सामान, बल्कि पानी भी नाव से ही लाना पड़ता है।
गांव में तबाही का मंजर
बिहार के गोपालगंज जिले के चिउटाहां गांव के लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। 150 घरों में 800 आबादी बाढ़ से घिर गई है। इस आपदा में ग्रामीण खुद की तबाही का मंजर अपनी आंखों से देख रहे हैं। तस्वीर में देखिए लोग जान जोखिम में डालकर घरों का सामान निकल रहे हैं। सबसे ज्यादा तबाही यहीं पर है। नाव के अभाव में यहां ट्रैक्टर से लोग राहत का वितरण कर रहे हैं।
नर्मदा में जोखिम भरा सफर
फोटो मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के कसरावद तहसील के भट्याण बुजुर्ग स्थित नर्मदा क्षेत्र की। बारिश के मौसम में भी जिले में तीन जगह जोखिम के साथ नाव के जरिए आवागमन हो रहा है। एक नाव पर 15 से ज्यादा बाइक व 20 तक सवारियां बैठाई जा रही हैं, जो क्षमता से काफी ज्यादा हैं। मवेशी भी साथ में होते हैं। दरअसल, कसरावद, महेश्वर व बड़वाह तहसीलों की दूरी नाव के जरिए काफी घट जाती है। समय व खर्च भी बच जाता है। फिलहाल महेश्वर में जलस्तर 141 मीटर के आसपास है।
कबाड़ 'खाना' थाना
यह फोटो स्मार्ट झारखंड पुलिस की लापरवाह कार्यशैली का प्रतीक है। राज्य के 468 थानों का हाल यह है कि 400 करोड़ की संपत्ति घास-पात में दफन है। व्यवस्था पर इस कदर जंग लगा है कि थानेदार गाड़ियों की नीलामी में रुचि नहीं ले रहे। दर्जनों थानों में मालखाना प्रभार का भी मामला फंसा हुआ है। दैनिक भास्कर ने थानों में जब्त वाहनों की पड़ताल की तो पता चला कि सालों से खुले में पड़े वाहन जंग लगकर बर्बाद हो रहे हैं। बातचीत में कई थानेदारों ने कहा कि अपराध नियंत्रण पर ध्यान दें या गाड़ियां बेचें।
20 तक गिन्नौरी साइड में 50 मीटर की स्लैब बिछेगी
भोपाल के छोटे तालाब पर निर्माणाधीन आर्च ब्रिज की रोप स्ट्रेसिंग एक- दो दिन में शुरू हो जाएगी। इसके जैक आ गए हैं। इसके साथ ही गिन्नौरी साइड में 50 मीटर स्लैब बिछाने की भी तैयारी हो रही है। ब्रिज पर दो मीटर का फुटपाथ भी रहेगा। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ ने नवंबर अंत तक ब्रिज शुरू करने का टारगेट दिया गया है। 534 मीटर लंबे आर्च ब्रिज में 200 मीटर का हिस्सा तालाब के भीतर है। 334 मीटर एप्रोच रोड है।
बारिश के बाद लोगों को गर्मी से राहत
राजस्थान के बाड़मेर सहित क्षेत्र में गुरुवार को दिन भर उमस व गर्मी के बाद शाम को बरसात ने राहत दी। करीब शाम बजे शहर में पहले आंधी और फिर बारिश का दौर शुरू हुआ। करीब 15 मिनट तक बारिश होने से गर्मी से राहत मिली। दूसरी तरफ गांवों में मूसलाधार बारिश होने से गर्मी के राहत के साथ साथ किसानों को भी राहत मिली है। बरसात से फसलों के अच्छी होने की उम्मीद बंधी है। अब बाकी रहे किसान ग्वार सहित दलहन की फसलों की बुआई करेंगे। सेड़वा, धोरीमन्ना सहित कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई है। बायतु क्षेत्र में भी बारिश के समाचार है।
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