श्रीलंका के आम चुनावों में राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) ने दो-तिहाई बहुमत से जीत हासिल की है। इन नतीजों के बाद अब महिंदा राजपक्षे पीएम बने रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुझानों में बढ़त देखते ही गुरुवार को फोन करके महिंदा राजपक्षे को शुभकामना दी थी।
श्रीलंका में बुधवार को चुनाव हुए थे। गुरुवार को काउंटिंग शुरू हुई थी। शुक्रवार सुबह आधिकारिक तौर पर नतीजों का ऐलान किया गया। महिंदा राजपक्षे की पार्टी 9 महीने पहले राष्ट्रपति चुनाव भी जीती थी। इसके बाद उनके छोटे भाई गोतबाया राजपक्षे ने 18 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
राजपक्षे ने मोदी को धन्यवाद किया
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, श्रीलंका में कोरोना के बावजूद चुनाव को प्रभावी ढंग से कराने को लेकर मोदी ने वहां की सरकार और निर्वाचन आयोग की सराहना की है। इसके बाद राजपक्षे ने ट्वीट कर पीएम मोदी को जीत की बधाई देने के लिए धन्यवाद दिया।
राजपक्षे ने कहा- श्रीलंका के लोगों के मजबूत समर्थन के साथ, हम दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। श्रीलंका और भारत मित्र और संबंधी हैं।
राजपक्षे के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए मोदी ने कहा- आपसे बात करके खुशी हुई। एक बार फिर आपको बहुत धन्यवाद। हम द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अपने विशेष संबंधों को हमेशा नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे।
Thank you, Prime Minister @PresRajapaksa! It was a pleasure to speak to you. Once again, many congratulations. We will work together to further advance all areas of bilateral cooperation and to take our special ties to ever newer heights. https://t.co/123ahoxlMo
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2020
एसएलपी का दक्षिण में दबदबा रहा
देश के दक्षिणी हिस्से में एसएलपीपी ने करीब 60% वोट हासिल किए। यहां बहुसंख्यक सिंहली समुदाय है। इसे एसएलपीपी का वोट बैंक माना जाता है। उत्तर में तमिल अल्पसंख्यकों का दबदबा है। यहां पर जाफना के पोलिंग डिवीजन में एसएलपीपी की सहयोगी एलम पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (ईपीडीपी) ने तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) को हराया है। जबकि, जाफना जिले के ही दूसरे डिवीजन में ईपीडीपी को हार मिली है।
बहुमत के लिए 113 सीटें जरूरी
यहां कुल 225 संसदीय सीटें हैं। बहुमत के लिए 113 सीटें जरूरी हैं। 196 सीटों के लिए वोट डाले जाते हैं, बाकी 29 सीटों पर जीत-हार का फैसला हर पार्टी को मिले वोटों के आधार पर होता है। यहां करीब 1 करोड़ 60 लाख मतदाता हैं। पहले ये चुनाव 25 अप्रैल को होने थे, लेकिन महामारी को देखते हुए तारीख 20 जून, फिर 5 अगस्त कर दी गई थी।
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