मां की ममता को एक बार फिर कलयुगी मां ने कलंकित किया है। मामला बिहार के सीतामढ़ी जिले के शिवहर स्थित सदर अस्पताल का है। जहां एक मां अपने जिगर के टुकड़े (बच्ची) को अस्पताल में छोड़कर फरार हो गई। बच्ची रोती रही लेकिन मां को दया तक नहीं आई। बच्ची की आवाज सुनकर अस्पताल कर्मियों ने उसे गोद में लिया और डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉक्टर ने नवजात का इलाज करने के बाद उसे दत्तक ग्रहण संस्थान को सुपुर्द कर दिया। नवजात की हालत अभी ठीक है।
4 साल का बच्चा 18 घंटे बाद मलबे से बचाया
महाराष्ट्र के रायगढ़ में 5 मंजिला इमारत ढहने के 18 घंटे बाद चमत्कार हुआ है। वहां राहत व बचाव के काम में लगे जवानों ने मंगलवार को 4 साल के बच्चे को मलबे से सही सलामत निकाल लिया। हालांकि बच्चे को बचाए जाने की यह खुशी आधे घंटे में ही तब काफूर हो गई, जब उसकी मां नौशीन और दाे बहनाें का शव मलबे से निकला।
एक अधिकारी ने बताया कि बच्चे का नाम मोहम्मद बांगी है। फिलहाल, उसकी हालत ठीक है। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि यह बच्चा एक पिलर के किनारे था। ऐसे में मलबा सीधे उस पर नहीं गिरा। चारों तरफ से मलबे से घिरे रहने के बाद बच्चे का सुरक्षित रहना किसी करिश्मे से कम नहीं है।
रिक्शे पर लाउड स्पीकर लगाया, बच्चों को पढ़ाया
फोटो देखने में शायद उतनी खूबसूरत न लगे, लेकिन इसके मायने बड़े हैं, क्योंकि यह उस जज्बे को दिखाती है, जिसमें कोरोना के दौर में बच्चे पढ़ने बैठे हैं और टीचर्स उन्हें पढ़ाने के लिए उनके घर तक पहुंची हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ में पढ़ई तुंहर दुआर के नाम से एक योजना चल रही है, जिसका मकसद है कि टीचर्स बच्चों को उनके घर जाकर पढ़ाने की कोशिश करें। फोटो राजधानी के पुरैना और हीरापुर इलाके की है, जहां मिडिल स्कूल पुरैना की शिक्षिका कविता आचार्य मंगलवार को 7वीं के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ा रही हैं।
श्री कंध साहिब में 10 हजार संगत ने शीश नवाया
गुरुद्वारा श्री कंध साहिब (जहां बाबा नानक की बारात रुकी थी) में विवाह पर्व को संबंधित करवाए महान गुरमति समागम में संगत ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। मंगलवार सुबह से ही संगत का गुरुद्वारा साहिब में आना शुरू हो गया था। वही गुरुद्वारा साहिब मे स्थित श्री पालकी साहिब को पीले रंग के फूलों से सजाया गया था। विवाह पर्व के दिन गुरुद्वारा श्री कंध साहिब में 10 हजार के करीब संगत ने माथा टेका।
आज लगेगा 56 भोग, भजन होंगे
महाराष्ट्रीयन समाज में महालक्ष्मीजी की स्थापना मंगलवार को हुई। मान्यता है कि श्रीगणेश की दोनों बहनें ज्येष्ठा और कनिष्ठा गणेश चतुर्थी के तीसरे दिन मायके आती हैं। इस बार वह तिथि की घट-बढ़ के कारण चौथे दिन आई हैं। बुधवार को दोनों बहनों को 56 भोग लगाने के साथ आरती उतारेंगे, भजन भी करेंगे। गुरुवार को उनका विसर्जन होगा। फोटो इंदौर के नारायणबाग की है।
मनमोहक दृश्य, सेल्फी लेने की होड़
फोटो मध्यप्रदेश के दतिया जिले के असनई ताल की है। बारिश में असनई तालाब लबालब हो गया है। उसका पानी अब कुआं में गिरकर पुलिया से निकल कर श्री रामलला मंदिर के ताल में जा रहा है। कुआं में ताल का पानी गिरने से मनमोहक दृश्य नजर आ रहा है और अब जो भी इस रास्ते से निकलता है वह खुद को झरने के पास खड़े होकर सेल्फी लेने से नहीं रोक पाता है। तालाब से लेकर पूरा झरना हरे रंग ने नहाया है। इसका मुख्य कारण यह है कि दोनों तरफ घने पेस लगे हैं और पानी मे पेड़ों की छांव से पानी भी हरा नजर आ रहा है।
जुआफाल में 30 फीट ऊंचाई से गिरता है पानी
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के दानपुर से 5 किमी दूर मूलिया ग्राम पंचायत में चारों ओर हरी भरी वादियों से घिरा खूबसूरत जुआफाल है। यह नदी और झरने के संगमस्थल पर बना है। यहां दानपुर से 5 किमी अंदर पक्की सड़क के रास्ते जा सकते हैं। यह झरना 30 फीट ऊंचाई से गिरता है। इस झरने के पास ही माही बांध में मिलने वाली सहायक नदी भी बहती है। बारिश के दिनों में इस नदी और जुआफाल में बहने वाला पानी सुकून देता है। नॉन कमांड कहे जाने वाले इस क्षेत्र में बारिश के दिनों में ही हरियाली और पानी नजर आता है।
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