आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप से चीनी कंपनी वीवो हट चुकी है। अब आईपीएल के दौरान चीनी कंपनियों के ऐड भी नहीं दिखाई देंगे। कहा रहा है कि इससे आईपीएल के रेवेन्यू में 20 से 30% तक की कमी आ सकती है। इस कमी के बाद भी आईपीएल दुनिया की टॉप-5 प्रोफेशनल लीग में बना रह सकता है। फिलहाल आईपीएल दुनिया की चौथी सबसे बड़ी प्रोफेशनल स्पोर्ट्स लीग है।
पिछले छह साल में इसकी ब्रांड वैल्यू 147% बढ़ी है। 2019 में इसकी ब्रांड वैल्यू 47 हजार 500 करोड़़ रुपए थी। अमेरिकन फुटबॉल टूर्नामेंट नेशनल फुटबॉल लीग यानी एनएफएल दुनिया की सबसे बड़े प्रोफेशनल लीग है। इसकी मौजूदा वैल्यू करीब 97 हजार 500 करोड़ डॉलर है। यानी, आईपीएल से दो गुने से भी ज्यादा।
वीवो दूसरा स्पॉन्सर जिसने करार बीच में तोड़ा
12 साल में आईपीएल के तीन टाइटल स्पॉन्सर रहे हैं। शुरुआती 5 आईपीएल का टाइट स्पॉन्सर डीएलएफ था। आईपीएल-6 से आईपीएल-8 तक इसका टाइटल स्पॉन्सर पेप्सी थी। आईपीएल-9 से इसका टाइटल स्पॉन्सर वीवो था। पेप्सी की स्पॉन्सरशिप डील 5 साल की थी। लेकिन, तीन साल बाद ही उसने डील कैंसिल की थी। इसका कारण बताया गया आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग को। अब वीवो दूसरा टाइटल स्पॉन्सर है जिससे डील बीच में टूटी है। वीवो का करार 2022 तक का था।
आईपीएल की टीमों में मुंबई और चेन्नई सबसे बड़े ब्रांड, हैदराबाद की ब्रांड वैल्यू छह साल में सबसे ज्यादा बढ़ी
अगर आईपीएल की टीमों की बात करें तो मुंबई इंडियन्स सबसे बड़ा ब्रांड है। मुंबई की मौजूदा ब्रांड वैल्यू 809 करोड़ है। वहीं, चेन्नई 732 करोड़ के साथ दूसरा सबसे बड़ा ब्रांड है। पिछले छह साल का ट्रेंड देखें तो ब्रांड वैल्यू में सबसे ज्यादा इजाफा हैदराबाद की टीम का हुआ है। पिछले छह साल में इसकी ब्रांड वैल्यू 222% बढ़ी है।
हालांकि, दुनिया की प्रोफेशनल टीमों में आईपीएल की सभी फ्रेंचाइजी बहुत पीछे हैं। अमेरिका की नेशनल फुटबॉल लीग की टीम डलास काऊब्वॉय दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली टीम है। इसकी ब्रांड वैल्यू 7,792 करोड़ रुपए है। यानी, आईपीएल की सबसे ज्यादा वैल्यूएबल टीम मुंबई से 863% ज्यादा।
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