कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते इस साल पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। मार्च में जब पहली बार लॉकडाउन लगा था, तब से ही स्कूल-कॉलेज बंद हैं। कई राज्यों में परीक्षाएं भी प्रभावित हुई हैं। नया सत्र शुरू हो गया है और न्यू नॉर्मल के तहत ज्यादातर स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। जब नरेंद्र मोदी सरकार ने अनलॉकिंग की प्रक्रिया शुरू की, तो यही सवाल बार-बार सामने आ रहा है कि स्कूल कब से खुलेंगे? आइये जानते हैं कि स्कूलों को फिर से खोलने के लिए क्या हो रहा है और सरकार अनलॉक 4.0 में स्कूलों के लिए किस तरह की गाइडलाइन ला सकती है-
क्या है केंद्र सरकार की योजना?
- केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने जुलाई में पैरेंट्स के बीच एक सर्वे कराया था। ज्यादातर पैरेंट्स का कहना है कि वे फिलहाल बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं।
- लेकिन कुछ राज्यों का कहना है कि कमजोर तबके के छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। न तो उनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लैपटॉप हैं और न ही इंटरनेट नेटवर्क।
- ऐसे में जिन राज्यों में कोरोना के केस ज्यादा नहीं है, वहां से दबाव बन रहा है कि स्कूलों को जल्द से जल्द खोला जाए ताकि कमजोर तबके के बच्चों का नुकसान न हो।
- कोविड-19 मैनेजमेंट के लिए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के नेतृत्व में बने मंत्री समूह से जुड़े सचिवों के समूह ने एक प्लान बनाया है। इसे 31 अगस्त के बाद क्या-क्या गतिविधियां शुरू होंगी, यह बताने वाले अनलॉक 4.0 में शामिल किया जा सकता है।
स्विट्जरलैंड मॉडल की बात हो रही है, क्या है यह मॉडल?
- सचिवों के ग्रुप ने स्विट्जरलैंड मॉडल को अपनाने का फैसला किया है। इसमें थोड़ा बदलाव किया है। स्विट्जरलैंड ने 11 मई को स्कूल खोल दिए थे। जुलाई तक स्कूलों में पढ़ाई चलती रही।
- कक्षाओं को दो ग्रुप्स में बांटा था। हर दिन एक ग्रुप कक्षा में आता था और दूसरा ग्रुप घर से ऑनलाइन पढ़ता था। दो हफ्ते बाद 16 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों को रोज स्कूल आने को कहा गया।
- इस बीच, 8 जून को बड़े बच्चों को कम संख्या में स्कूल बुलाया गया। कुछ स्टूडेंट्स ने घर पर रहकर ही पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया तो उन्हें इसकी इजाजत दी गई।
- स्विस सरकार ने 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मजबूर नहीं किया। लेकिन, बड़े बच्चों को छह गज की दूरी का पालन करवाया गया।
- बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य नहीं थे, लेकिन कुछ राज्यों में बड़े बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य था। साथ ही उन्हें पढ़ाने के लिए स्कूल पहुंचने वाले टीचर्स के लिए भी मास्क अनिवार्य था।
- स्विस सरकार ने स्कूलों को भी नियम बनाने और लागू करने की छूट दी थी। स्कूलों ने अलग-अलग आयु के बच्चों को अलग ग्रुप्स में रखा। उनके टाइमिंग्स भी अलग रखें, ताकि बड़े ग्रुप्स न बन सकें।
A news agency has reported that the Central Government has decided to not re-open schools until December.#PIBFactCheck: Government has not made any such decision.#FakeNews pic.twitter.com/az7JDcOmWn
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 13, 2020
किन राज्यों की तैयारी है सितंबर में स्कूल खोलने की?
- हरियाणा तो अगस्त में ही स्कूल शुरू करना चाहता था। लेकिन, अब यहां सितंबर में स्कूल शुरू हो सकते हैं। यहां एक सर्वे कराया गया था जिसमें 30% पैरेंट्स ने स्कूल खोलने की मांग की थी।
- असम ने स्पष्ट किया है कि 25 अगस्त के बाद तय होगा कि राज्य में स्कूल कब शुरू होंगे। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि एक सितंबर से स्कूल शुरू करने पर विचार हो रहा है।
- आंध्र और पश्चिम बंगाल में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस से स्कूल शुरू करने की तैयारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि स्थिति में सुधार आया तो सितंबर में स्कूल शुरू होंगे।
- पूर्वोत्तर के राज्यों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल में भी सितंबर में खुल सकते हैं स्कूल।
- दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को साफ किया कि स्कूल खोलने की कोई जल्दी नहीं है। जब तक कोरोनावायरस पर प्रभावी तरीके से काबू नहीं पाया जाता, तब तक स्कूल बंद रहेंगे।
- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार और उत्तरप्रदेश में स्कूल शुरू करने को लेकर शांति है। केंद्र की गाइडलाइन के बाद ही इन राज्यों का रुख सामने आएगा।
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