कुछ तारीखें, महीने इतिहास बन जाते हैं। यादगार हो जाते हैं। उनकी अहमियत और मायने आने वाले कल में भी कम नहीं होते हैं। उनमें से एक है अगस्त का महीना। अगस्त में ही अगस्त क्रांति हुई, और हमें आजादी भी मिली। इसी महीने में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 भी हटा और 492 साल के लंबे संघर्ष के बाद राम मंदिर का श्रीगणेश भी अगस्त महीने में ही हुआ। आइए अगस्त की उन तारीखों को जानते हैं, जो इतिहास हैं, जो यादगार हैं, जो कल भी याद की जाएंगी...
2000 से 2020: राम मंदिर का श्रीगणेश और आर्टिकल 370 का द इंड
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 हटाकर जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया। इसके साथ ही यह राज्य जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश में बंट गया। यह उस साल की सबसे बड़ी घटना थी।
इस साल अगस्त की सबसे बड़ी घटना 5 अगस्त 2020 को हुई, जब अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया गया। यह एक ऐतिहासिक तारीख थी, जिसको लेकर 492 वर्षों तक संघर्ष चला। सड़क से लेकर सदन तक, जिला अदालत से लेकर सुप्रीम अदालत तक। उसके बाद पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
अन्य अहम घटनाएं
- 21 अगस्त 2005 को संघर्ष विराम का समझौता बांग्लादेश और भारत की सीमा सुरक्षा बल के जवानों के बीच हुआ।
- 4 अगस्त 2008 को सरकार ने भारतीय जहाजरानी निगम (एससीआई) को नवरत्न का दर्जा दिया।
- 25 अगस्त 2018 को भारत के शॉटपुट एथलीट तेजिंदरपाल सिंह तूर ने जकार्ता ओलंपिक गेम्स में गोल्ड जीता था।
1980 से 2000: टेस्ट ट्यूब बेबी का पहला सफल प्रयोग और मंडल कमीशन का गठन
भारत में पहले टेस्ट ट्यूब बच्चे का जन्म 1986 में 6 अगस्त के दिन ही हुआ था। 6 अगस्त 1986 को आईवीएफ तकनीक से हर्षा चावड़ा का जन्म मुंबई के केईएम अस्पताल में हुआ था। हर्षा इस समय 33 साल की हैं। चार साल पहले 2016 में हर्षा ने एक बेटे को जन्म दिया था। इसके साथ ही 6 अगस्त जम्मू और कश्मीर में अचानक आई बाढ़ से कम से कम 255 लोग मारे गए।
7 अगस्त 1990 को तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने संसद में मंडल कमीशन की रिपोर्ट स्वीकार करने का ऐलान किया। जिसके बाद सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था शुरू हो गई। उस समय देशभर में इसका विरोध भी हुआ था। 50 से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई थी।
कुछ अहम उपलब्धियां
- 2 अगस्त 1987 में विश्वनाथन आनंद ने फिलिपींस में आयोजित विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप का खिताबी जीता था। ऐसा करने वाले वे पहले एशियाई शतरंज खिलाड़ी थे।
- 23 अगस्त 1995 को देश का पहला सेलुलर फोन कोलकाता में व्यावसायिक तौर शुरू किया गया।
1960 से 1980: दादरा नगर हवेली का भारत में विलय
11 अगस्त 1961 को दादरा नगर हवेली का भारत में विलय हुआ और इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। गोवा की तरह यह इलाका भी कई साल पुर्तगाली प्रभाव में रहा। नगर हवेली महाराष्ट्र और गुजरात के बीच बसा है, वहीं दादरा गुजरात के भीतरी इलाके में आता है। यह आदिवासी बहुल क्षेत्र है, करीब 62 फीसदी यहां की आबादी आदिवासी है।
24 अगस्त 1969 को वी.वी. गिरि भारत के चौथे राष्ट्रपति बने। इससे पहले उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर जाकिर हुसैन का निधन के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। उसके बाद हुए चुनाव में जीत के बाद वे देश के चौथे राष्ट्रपति बने। उन्हें 1975 में भारत रत्न मिला था।
1940 से 1960: भारत छोड़ो आंदोलन और करो या मरो की हुंकार
भारत की आजादी में इस आंदोलन का अहम योगदान रहा। महात्मा गांधी के आह्वान पर 8 अगस्त 1942 को इंडियन नेशनल कांग्रेस कमेटी की बैठक मुंबई में हुई जिसमें अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए एक प्रस्ताव पास किया गया। इसे भारत छोड़ो आंदोलन या अगस्त क्रांति भी कहा जाता है। 9 अगस्त, 1942 पूरे देश में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हो गया। इसी आंदोलन में गांधी जी ने करो या मरो का नारा दिया था।
गांधी जी ने तब कहा था “एक छोटा सा मंत्र है जो मैं आपको देता हूँ। इसे आप अपने ह्रदय में अंकित कर लें और अपनी हर सांस में उसे अभिव्यक्त करें। यह मंत्र है- “करो या मरो”। अपने इस प्रयास में हम या तो स्वतंत्रता प्राप्त करेंगे या फिर जान दे देंगे।”
पटना सचिवालय पर झंडा फहराने के दौरान 7 छात्रों ने दी शहादत
अगस्त क्रांति में बिहार के युवाओं ने भी अहम भूमिका निभाई थी। बिहार में इस क्रांति को लीड कर रहे थे डॉ राजेंद्र प्रसाद। 11 अगस्त 1945 को बिहार के सात स्कूली छात्रों ने अपनी शहादत देकर पटना सचिवालय पर तिरंगा फहराया था। उनकी याद में पटना विधानमंडल के सामने शहीद स्मारक बना है, जहां इन सात शहीदों की मूर्ति लगी है। इसका शिलान्यास बिहार के पहले राज्यपाल जयरामदास दौलतराम ने किया था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत
18 अगस्त 1945 को ताइवान के नजदीक हुई एक हवाई दुर्घटना में नेताजी की मौत हो गई। हालांकि, उनकी मृत्यु रहस्यमयी ही रही और अक्सर उसको लेकर सवाल उठते रहे। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था। 1920 में उन्होंने इंग्लैंड में इंडियन सिविल सर्विस एग्जामिनेशन क्लियर किया था।
लेकिन वे ज्यादा दिन नौकरी नहीं कर पाए, एक साल बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी और आजादी के मैदान में उतर गए। वे क्रांतिकारी मिजाज के नेता थे। वे 1938 और 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। लेकिन बाद में कांग्रेस की आंतरिक कलह और महात्मा गांधी से मतभेद के बाद 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
पाकिस्तान का जन्म और भारत की आजादी
14 अगस्त 1947 को भारत के बंटवारे की लकीर खींची गई थी और इसी दिन पाकिस्तान का जन्म हुआ था। उसी दिन आधी रात को भारत को आजादी मिली थी। अगले दिन यानी 15 अगस्त 1947 से भारत अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त हो गया और तब हम इस दिन को इंडिपेंडेंस डे के रूप में सेलिब्रेट करते हैं।
जो तारीखें इतिहास बन गईं
- 13 अगस्त 1951 को भारत में बने पहले विमान हिंदुस्तान ट्रेनर 2 ने पहली उड़ान भरी। दो सीट वाले इस विमान का भारतीय वायु सेना और नौ सेना के लिए उत्पादन 1953 में शुरू हुआ।
- 23 अगस्त 1947 को वल्लभ भाई पटेल को देश का उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
- 30 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए डॉ भीमराव आम्बेडकर के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया।
- 19 अगस्त 1949 को भुवनेश्वर को ओडिशा की राजधानी बनाया गया।
- 18 अगस्त 1951 को भारत को पहला आईआईटी यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलॉजी मिला। कोलकाता के पास खड़गपुर में इस संस्थान का उद्घाटन देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने किया।
1920 से 1940 : काकोरी कांड और क्रांतिकारियों का बलिदान
चौरा-चौरी यूपी के गोरखपुर जिले में पड़ता है। फरवरी 1922 में कुछ आंदोलनकारियों ने चौरा-चौरी के एक थाने में आग लगा दी, जिसमें 22-23 पुलिसकर्मी जलकर मर गए। इससे महात्मा गांधी दुखी हुए और असहयोग आंदोलन वापस ले लिया।
इससे आंदोलन में शामिल रहे कुछ लोगों को निराशा हुई जो आगे चलकर काकोरी कांड में बदल गई। 9 अगस्त 1925 को कुछ क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाने को लूटकर हथियार खरीदने का प्लान बनाया और उसके बाद काकोरी स्टेशन पर एक ट्रेन में इस घटना को अंजाम दिया। कुल 4601 रुपए लूटे गए थे।
इस घटना के बाद देश के कई हिस्सों में बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां हुई। 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। काकोरी कांड का मुकदमा लगभग 10 महीने तक लखनऊ की अदालत रिंग थियेटर में चला। जिसके बाद रामप्रसाद ‘बिस्मिल’, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, रोशन सिंह और अशफाक उल्ला खां को फांसी की सजा सुनाई गई। शचीन्द्रनाथ सान्याल को काले पानी और मन्मथनाथ गुप्त को 14 साल की सजा हुई।
1900 से 1920: असहयोग आंदोलन की शुरुआत और खुदीराम बोस की शहादत
1 अगस्त 1920 को महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी। इस आंदोलन के बाद लाखों कर्मी हड़ताल पर चले गए, छात्रों ने स्कूल-कॉलेजों का बहिष्कार कर दिया। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद असहयोग आंदोलन से पहली बार अंग्रेजी राज की नींव हिल गई। हालांकि, फरवरी 1922 में चौरा-चौरी कांड के बाद महात्मा गांधी ने इसे वापस ले लिया।
11 अगस्त 1908 को क्रांतिकारी खुदीराम बोस को सिर्फ साढ़े 18 साल की उम्र में फांसी दी गई। जब खुदीराम शहीद हुए थे तो देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए, कई दिन तक स्कूल, कॉलेज सभी बन्द रहे। तब देश के युवा ऐसी धोती पहनने लगे, जिनकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था। 17 अगस्त 1909 को मदनलाल ढींगरा को कर्जन वायली की हत्या के मामले में पेंटोनविली कैदखाने में फांसी दी गई।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3aoiZ19
https://ift.tt/312liUF
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubt, please let me know.