चीन में इन दिनों एक और बीमारी ब्रूसीलोसिस का कहर है। गांसु प्रांत की राजधानी लान्चो में 3 हजार से अधिक मरीज संक्रमित हो चुके हैं। लान्चो के स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, यह बीमारी संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से होती है। इसे माल्टा फीवर के नाम से भी जाना जाता है।
चीन की सरकारी वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, यह बैक्टीरिया लेंझॉउ शहर की उस फार्मा फैक्ट्री से फैला, जहां ब्रूसीलोसिस की वैक्सीन तैयार की जा रही थी। यहां से बैक्टीरिया एयरोसोल के रूप में इंसानों तक पहुंचा और संक्रमण फैला। चीन में अलर्ट जारी कर दिया गया है और चुनिंदा 11 अस्पतालों को मरीजों का मुफ्त इलाज करने का आदेश दिया गया है।
1980 के दशक में चीन में ब्रूसीलोसिस एक सामान्य बीमारी थी, हालांकि बाद में स्थिति गंभीर हो गई। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, यह बीमारी एक से दूसरे इंसान में नहीं फैलती, लेकिन संक्रमित भोजन से ब्रुसीलोसिस फैल सकता है।
ब्रूसीलोसिस क्या है, चीन में कैसे फैला और क्या सावधानी बरतें, इन सवाल-जवाब से समझिए....
1. क्या है ब्रूसीलोसिस?
यह बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। ये बैक्टीरिया पशुओं, सुअर, बकरी और कुत्तों को संक्रमित करता है। इन संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने पर इंसान भी बीमार हो जाते हैं। इनका मांस खाने या इनका प्रदूषित किया पानी पीने पर इंसान में संक्रमण फैलता है। बैक्टीरिया संक्रमित क्षेत्र की हवा में एयरोसोल के रूप में भी मौजूद होता है, इस दौरान सांस लेने पर भी इंसान संक्रमित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा तब रहता है, जब इंसान जानवर का कच्चा दूध इस्तेमाल करता है या दूध की बनी चीज खाता है।
2. कौन से लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं?
बुखार, पसीना आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं। कुछ लक्षण लंबे समय तक दिख सकते हैं। इसके अलावा बार-बार बुखार, आर्थराइटिस जैसे लक्षण, अंडाणुओं और लिवर में सूजन भी दिख सकती है। मरीजों में अधिक थकान बनी रहती है।
3. चीन में यह बीमारी कब और कैसे फैली
लेंझॉउ शहर के स्वास्थ्य आयोग की वेबसाइट की मुताबिक, 28 नवंबर यहां के वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के पास मौजूद फार्मा फैक्ट्री में एक घटना के बाद यह बैक्टीरिया फैला। यहां ब्रूसीलोसिस की वैक्सीन तैयार करने के लिए 24 जुलाई से 10 अगस्त 2010 तक काम चल रहा था। इस दौरान इंस्टीट्यूट में एक्सपायरी डेट के डिसइंफेक्टेंट इस्तेमाल हुआ, जिससे बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। यहां से निकले एयरोसोल के रूप में बैक्टीरिया फैला और लोग संक्रमित हुए।
मामले सामने आने पर 7 दिसम्बर 2019 को फैक्ट्री में वैक्सीन का उत्पादन का काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया। 8 लोगों को सजा भी हुई।
4. कैसे बचाव करें?
मामला अगर देश में आता है तो पशुओं से दूरी बनाएं। जरूरी सावधानी के साथ ही उनके पास जाएं। मांस खाने से बचें। बाहर का खाना न ही खाएं तो बेहतर है। आसपास पशुओं का तबेला है तो घर को सैनिटाइज करना बेहतर विकल्प है। दूध और पानी उबालकर ही इस्तेमाल करें।
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