गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

रिकवरी के बाद मरीजों के फेफड़े, हार्ट, किडनी पर बुरा असर, 64% सांस की तकलीफ से जूझ रहे

कोरोना से रिकवर होने वाले 64% मरीजों में कई महीनों तक वायरस का असर दिख रहा है। इलाज के बाद भी मरीज सांस लेने की दिक्कत, थकान, बेचैनी और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। यह रिसर्च करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है- कोरोना का संक्रमण होने के 2 से 3 महीने बाद ये असर दिखना शुरू हो रहा है। रिसर्च के दौरान पाया गया कि 64% मरीज सांस लेने की तकलीफ से जूझ रहे थे। वहीं, 55% थकान से परेशान थे।

ज्यादातर मरीजों में फेफड़े ठीक से काम नहीं कर रहे
रिसर्च के मुताबिक, मरीजों की MRI करने पर पता चला कि कोरोना के 60% मरीजों के फेफड़े एब्नॉर्मल मिले। 29% मरीजों की किडनी में दिक्कतें मिलीं। वहीं, 26% में हार्ट प्रॉब्लम्स और 10% को लिवर से जुड़ी समस्याएं हुईं।

55% थकान से जूझ रहे
रिकवरी के बाद 55% मरीज थकान से जूझ रहे हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रेडक्लिफ डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर बैटी रमन कहते हैं- आंकड़े बताते हैं कि रिकवरी के बाद शरीर की जांच करने की जरूरत है। डिस्चार्ज के बाद उन्हें मेडिकल केयर देने के लिए एक मॉडल डेवलप किया जाना चाहिए।

ऑर्गेन फेल्योर और सूजन के बीच कनेक्शन मिला
डॉक्टर बैटी रमन कहते हैं, "मरीजों में एब्नॉर्मेलिटी देखी जा रही है। इसका सीधा कनेक्शन अंगों की सूजन से है। शरीर के अंगों में यह गंभीर सूजन और ऑर्गेन फेल्योर के बीच कनेक्शन मिला है। सूजन ही शरीर के अंगों को डैमेज करने का काम कर रही है। कोरोना से रिकवर होने वाले मरीज इससे जूझ रहे हैं।"

लॉन्ग कोविड के मामले दिख रहे
पिछले हफ्ते ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च ने बताया था कि मरीजों में लॉन्ग कोविड के मामले सामने आ रहे हैं। वे रिकवरी के बाद पहले की तरह सेहतमंद नहीं दिख पा रहे। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना का असर लम्बे समय तक दिख रहा है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Abnormalities spotted in lungs of 60 percent coronavirus patients months later Oxford University study


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2HukCQf
https://ift.tt/2TeGbqN

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post