राजकोट की रहने वाली रुखसाना हुसैन को लोग चायवाली के नाम से पहचानते हैं। 12वीं क्लास तक पढ़ाई करने वाली रुखसाना द चायवाली के नाम से टी स्टॉल चलाती हैं। इससे पहले वे रजिस्ट्रार ऑफिस में कंप्यूटर ऑपरेटर थीं। दो साल पहले उन्होंने नौकरी छोड़कर टी स्टॉल शुरू किया। आज रुखसाना तंदूरी चाय बनाने में एक्सपर्ट हैं। अब वे रोजाना 1 हजार रुपए की चाय बेच लेती हैं।
रुखसाना जब रजिस्ट्रार के ऑफिस में नौकरी करती थीं, तब उनकी महीने की सैलरी सिर्फ 4 हजार रुपए थी। इस तनख्वाह में अपना और घर का खर्च निकालना बेहद मुश्किल था। लेकिन, अब इस स्टॉल से वे महीने के 15 हजार रुपए से ज्यादा कमा लेती हैं। रोजाना सिर्फ चार घंटे में वे 500 रुपए से ज्यादा की कमाई कर लेती हैं।
बचपन से घर में चाय बनाती आ रही हैं
रुखसाना कहती हैं- मैं घर में बचपन से ही चाय बनाती आ रही हूं। घर में सबको मेरे हाथ की चाय इतनी पसंद थी कि सिर्फ मुझे ही चाय बनाने के लिए कहा जाता था। इसी के चलते, अक्सर मेरे मन में यही ख्याल आता था कि क्यों न अपना रेस्टोरेंट खोल लूं। हालांकि, रेस्टोरेंट खोलने लायक पैसे तो थे नहीं, इसलिए एक छोटे केबिन से ही काम शुरू कर दिया। आगे जाकर एक रेस्टोरेंट जरूर खोलूंगी।
टी स्टॉल खोलने के बारे में जब रुखसाना ने पहली बार घर में बात की, तो सभी नाराज होने लगे। घर के लोगों ने कहा कि लड़की होकर चाय का स्टॉल चलाओगी। तुम्हें पता भी है वहां किस-किस तरह के लोग आते हैं। लेकिन रुखसाना अपनी जिद पर अड़ी रहीं। वे कहती हैं- घरवालों के विरोध के बावजूद मैंने चाय की दुकान लगाने की कोशिश शुरू कर दी थी। कुछ ही दिनों में मेरी कामयाबी देखकर परिवार वालों ने मेरे फैसले की तारीफ करनी शुरू कर दी। अब तो मुझे उनसे हर तरह का सपोर्ट मिलने लगा है।
चाय पसंद आई, तो बढ़ते गए ग्राहक
रुखसाना कहती हैं- मैंने चाय का बिजनेस 2018 में शुरू किया। शुरुआत में मैं सिर्फ आधे लीटर दूध की चाय बनाती थी। लेकिन, ग्राहक बढ़ते चले गए और अब तो रोजाना 10 लीटर दूध लग जाता है। एक बार ग्राहकों ने दुकान पर आना शुरू किया और उन्हें चाय पसंद आई, तो फिर वे ही रेग्युलर ग्राहक बन गए। लोग अपने साथ और ग्राहकों को भी लाने लगे। आज रुखसाना का टी स्टॉल द चायवाली के नाम से फेमस हो चुका है। वे अब इसकी चेन शुरू करना चाहती हैं।
सीक्रेट मसाले हैं तंदूरी चाय की खासियत
रुखसाना की तंदूरी चाय इसलिए खास है, क्योंकि वे इसके लिए सीक्रेट मसाले का इस्तेमाल करती हैं। स्मोकी फ्लेवर की इस चाय का मसाला वे खुद ही तैयार करती हैं। ऑर्डर पर तुरंत मिट्टी के कुल्हड़ में चाय गर्म करती हैं, जिसका स्वाद लोगों को बेहद पसंद आता है। मिट्टी के कुल्हड़ में गर्मागर्म चाय देने के चलते ही वे चाय पार्सल नहीं करतीं।
रुखसाना बताती हैं कि शुरुआत में यह अजीब लगता था कि एक लड़की चाय की दुकान चलाए, क्योंकि ज्यादातर यह काम लड़के ही करते हैं। लेकिन, यह मेरी गलतफहमी थी। आज ढेरों ग्राहक मेरे काम की तारीफ कर मुझे प्रोत्साहित करते हैं। वे मेरी बनाई चाय की तारीफ किए भी नहीं थकते। मैं रोजाना शाम 5.30 बजे टी स्टॉल खोलती हूं और रात के 9 बजे तक काम करती हूं। अब तो कई रेगुलर कस्टमर हैं, जिन्हें दुकान खुलने और बंद होने का समय पता है। इनमें से कई ग्राहक तो इस चाय के बारे में सोशल मीडिया पर भी कई पोस्ट कर चुके हैं।
ग्राहक बोले- इस चाय का टेस्ट लाजवाब
रुखसाना के टी स्टॉल पर रोजाना चाय पीने आने वाले मनसुखभाई बताते हैं- मैं यहां पिछले डेढ़ महीने से रोजाना चाय पीने आता हूं। एक भी दिन चाय का टेस्ट नहीं बदला। बेटी इतनी टेस्टी चाय बनाती है कि अब इसकी लत लग गई है। चाय की खासियत के बारे में बात करते हुए मनसुखभाई कहते हैं कि रुखसाना ऑर्गेनिक तरीके से चाय बनाती है। इसीलिए इसका टेस्ट इतना अच्छा है।
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