शुक्रवार, 15 मई 2020

कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 20 राज्यों में 30 अप्रैल तक 162 जिले ग्रीन जोन में थे, लेकिन पिछले 13 दिन में इनमें से 102 जिलों में संक्रमित मिले

कोरोना संक्रमण की रफ्तार देश में किस तरह से बढ़ रही है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि 30 अप्रैल को देश में कोरोना के 33 हजार 610 केस थे और 13 मई को इनकी संख्या बढ़कर 74 हजार 281 हो गई। यानी, इन 13 दिनों में देश में कोरोना के 120% मरीज बढ़ गए।

तारीख 30 अप्रैल इसलिए, क्योंकि इसी दिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमितों की संख्या के आधार पर देश के सभी जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा था। इस लिस्ट में 733 जिलों में से 130 जिलों को रेड, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में रखा था।

रेड जोन वो जिले बने, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आए। ऑरेंज जोन में ऐसे जिलों को रखा गया, जहां 14 दिन से कोई नया मरीज नहीं मिला था। जबकि, ग्रीन जोन में उन जिलों को शामिल किया गया जहां या तो कोरोना कोई मरीज मिला ही नहीं था या वहां 21 दिन से कोई नया मामला नहीं आया था।

सरकार ने भी रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के जिलों को लॉकडाउन-3 में कुछ रियायतें दीं। ग्रीन जिलों को रेड और ऑरेंज के मुकाबले थोड़ी ज्यादा छूट मिली। शायद यही वजह रही कि 30 अप्रैल तक जो जिले ग्रीन जोन में थे, वहां अब कोरोना मरीज भी मिल गए हैं।

हमने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 20 राज्यों के ग्रीन जोन जिलों का एनालिसिस किया। 30 अप्रैल को सरकार ने इन 20 राज्यों के 162 जिलों को ग्रीन जोन में रखा था। लेकिन, 13 मई तक इन 162 जिलों में से 102 जिलों में कोरोना के मामले सामने आ गए और 14 मौतें भी हुई हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अब इन 20 राज्यों में सिर्फ 60 जिले ही ग्रीन जोन में रह गए हैं।

ओडिशा का गंजम जिला, यहां 13 दिन में 252 केस आए

ओडिशा का गंजम जिला 30 अप्रैल तक ग्रीन जोन में था। 2 मई तक यहां सिर्फ 2 केस ही थे। लेकिन, 13 मई तक यहां 252 केस आ चुके हैं। किसी भी ग्रीन जोन जिले में इतने ज्यादा मामले सामने आने वाला गंजम पहला जिला है। अच्छी बात ये है कि यहां मौत नहीं हुई है।

गंजम के बाद त्रिपुरा का धलाई जिला है, जहां 151 मामले आए हैं। धलाई में भी 30 अप्रैल तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला था। इतना ही नहीं, त्रिपुरा में सिर्फ तीन ही केस थे, जो 13 मई तक बढ़कर 155 हो गए हैं।

ग्रीन जोन में भी मामले बढ़ने की 2 बड़ी वजह
1) पहली : प्रवासी मजदूरों का लौटना

1 मई से रेलवे प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चला रही है। 14 मई तक 800 स्पेशल ट्रेनें चल चुकी हैं, जिनसे 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया है। ओडिशा में 12 मई को 23 नए केस आए थे और वहां के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, ये सभी वो लोग थे, जो दूसरे राज्यों से लौटकर आए थे।महाराष्ट्र में गढ़चिरौली एकमात्र ऐसा जिला है, जहां अब तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है। यहां के कलेक्टर दीपक सिंगला ने पीटीआई को बताया था कि जिन दूसरे जिलों में अचानक से मामले बढ़ रहे हैं, वो दूसरे राज्यों से लोगों के आने की वजह से बढ़े हैं।

दूसरी : पाबंदियों में ढील देना
1 मई को जब लॉकडाउन-3 के लिए नई गाइडलाइन जारी हुई, तो उसमें ग्रीन जोन जिलों को रेड और ऑरेंज के मुकाबले ज्यादा ढील दी गई। यहां 4 मई से स्पा-सैलून भी खोलने की इजाजत दी गई। 50% यात्रियों के साथ बसों को भी चलने की इजाजत दे दी। टैक्सी सर्विस भी शुरू कर दी। शराब, पान और तंबाकू की दुकानें भी यहां 4 मई से खुलने लगीं।

(इस स्टोरी में राज्यों के आंकड़े उनके स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी होने वाले मीडिया बुलेटिन से लिए गए हैं)



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As of April 30, 162 districts were in the Green Zone in 20 states most affected by Corona, but 102 of these districts got infected in the last 13 days.


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