शुक्रवार, 15 मई 2020

40 दिन बाद फिर कोरोना संक्रमण लौटा, 7 नए मरीज मिले; लॉकडाउन में ढील, लेकिन बाजार-बीच सूने

गोवा में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी हैजबकि यह राज्य पहले कोरोना मुक्त घोषित हो चुका था। गोवा में बुधवार रात कोरोना के 7 नए मरीज मिले। इसके पहले यहां करीब 40 दिन पहले यानी 3 अप्रैल को कोरोना का आखिरी मरीज मिला था। पहले के सभी सात मरीजों के ठीक होने के बाद 17 अप्रैल को राज्य कोरोना मुक्त घोषित किया गया था। नए मरीजों में से 5 एक ही परिवार के हैं। लॉकडाउन में ढील के बाद ही यह परिवार महाराष्ट्र से गोवा लौटा था। इनके अलावा दो और पॉजिटिव मरीज ट्रक ड्राइवर हैं।

लॉकडाउन के बीच विदेश से आए करीब 6500 पर्यटक लौट चुके हैं। ये पयर्टक जर्मनी, इटली, पोलैंड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और स्विट्जरलैंड के थे, जिन्हें इनके देशों ने विशेष फ्लाइट भेजकर वापस बुला लिया। अभी करीब एक हजार विदेशी सैलानी यहां फंसे हुए हैं।

लॉकडाउन की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप है

इधर, नए कोविड नियमों के साथ गोवा के बाजार अब खुल चुके हैं। पणजी का बाजार पूरी तरह से खुला है, लेकिन राज्य की आर्थिक व्यवस्था को काफी धक्का लगा है। पटरी पर आने में गोवा को समय लगेगा। राज्य का आर्थिक आधार मुख्य तौर पर तीन इंड्स्ट्रीज पर हैं- टूरिज्म, माइनिंग और फार्मास्युटिकल। इसमें कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप है।

ट्रेवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट जैक अजीत सुखीजा बताते हैं कि लॉकडाउन के चलते टूरिज्म इंडस्ट्री को तकरीबन 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। तमाम होटल, गेस्ट हाउस और रेस्तरां बंद हैं। गोवा में 4,000 होटल और गेस्ट हाउस हैं जो एकदम खाली हैं। अभी बारिश का सीजन शुरू होने वाला है, इसलिए लॉकडाउन खुलने के बावजूद टूरिस्ट नहीं आएंगे।

गोवा में ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरर्स को बसें चलाने के लिए भी कह दिया गया है। हालांकि, यहां के बड़े ट्रांसपोर्टर दामोदर मांदरेकर कहते हैं- मेेरे पास 14 बसें हैं। परमिशन मिल चुकी है, लेकिन खाली बस लेकर जाऊं कहां, क्योंकि टूरिस्ट तो है ही नहीं। पहले मेरे पास बड़े-बड़े ग्रुप भोपाल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से आते रहे हैं। इधर, राज्य में टैक्सी सेवा भी शुरू हो चुकी हैं।

नॉर्थ गोवा के बीचफिलहाल खाली हैं

गोवा में छोटे-बड़े कुल 48 बीच हैं। नॉर्थ गोवा के बीच बाघा, अंजुना, कलंगुट आदि पर ज्यादा भीड़ आम दिनों में रहती है, लेकिन फिलहाल ये खाली हैं। यहां स्पोर्टस गतिविधियां थमी हुई हैं। साउथ गोवा महंगा है।वहां ज्यादातर विदेशी सैलानी या पैसे वाले लोग जाते हैं। हर बीच पर करीब 100 रिटेल दुकानें हैं, जो फिलहाल बंद हैं। गोवा में काजू, रस बेरी, नारियल, लोकल वाइन की बिक्री भी टूरिस्टों की वजह से ज्यादा होती है, जो फिलहाल बंद हैं।

जैक अजीत सुखीजा का कहना है कि वे सरकार पर टूरिज्म शुरू करने को लेकर दबाव इसलिए नहीं बना सकते, क्योंकि अगर कोई सैलानी रेड जोन से यहां आता है तो गोवा फिर से दिक्कत में आ जाएगा। बता दें कि गोवा में एक साल में 3 लाख विदेशी, 17 लाख भारतीय सैलानी पहुंचते हैं।

गोवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष संकल्प अमोनकर कहते हैं- माइनिंग के अलावा गोवा के पास आर्थिक हालत ठीक करने का फिलहाल कोई रास्ता नजर नहीं रहा है। दिल्ली से गोवा के लिए ट्रेन शुरू की गई है। इससे गोवा में फिर कोरोना के केस आ सकते हैं। गोवा भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना का कहना है कि कोरोना के लिए गोवा में भी वही नियम लागू थे, जो बाकी देश के लिए थे। गोवा की जनता ने सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया।

रेंडम टेस्ट और विदेशी पर्यटकों को ट्रेस कर कोरोना को फैलने से रोका
गोवा कोरोना के खिलाफ ठोस कदम उठाने वाले शुरुआती राज्यों में से एक है। लॉकडाउन, रैंडम सैंपलिंग, जागरूकता अभियान और लगातार ट्रैकिंग ने अहम भूमिका निभाई। गोवा ने राज्य में ही टेस्टिंग के लिए लैब स्थापित की। विदेश से आए पर्यटकों को ट्रेस किया। शुरुआती 7 में से 6 संक्रमित मुंबई से एक शिप से आए थे। ये लोग जहां भी गए थे, उन स्थानों पर रैंडम सैंपलिंग की गई।

रैंडम सैंपलिंग करने वाला गोवा पहला राज्य बना। गोवा कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल जैसे हॉटस्पॉट से घिरा हुआ है। ऐसे में सीमाई इलाकों और औद्योगिक इलाकों में कियोस्क स्थापित किए गए, जहां से सैंपल लेना आसान हो गया। डोर से डोर सर्वे किया और संदिग्ध मिले करीब 5 हजार लोगों का सैंपल लिया। जब कोरोना शुरू हुआ था तब राज्य में 100 वेंटिलेंटर का सेटअप था। इसे बढ़ाकर 400 कर दिया गया।



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तस्वीर गोवा की राजधानी पणजी के मीरामार बीच की है। यह पणजी के दो प्रमुख समुद्र तटों में से एक है। लॉकडाउन के ढील के बावजूद यह सूना पड़ा है। सामान्य दिनों में यहां भीड़ रहती है।


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