भारत में लॉकडाउन का तीसरा फेज चल रहा है, इस फेज में पाबंदियों में पहले की तुलना मेंकाफीढील दी गई है। ऐसे में प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी काम के लिए दोबारा दफ्तरआना शुरू कररहे हैं। कुछ आने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरकोरोनावायरस से बचने के लिए कर्मचारियोंको सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनेटाइजर के इस्तेमाल की सलाह दे रहे हैं।
कंसल्टेंट साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर रीना राजपूत कहती हैं कि ऑफिस लौटने पर शुरुआती काम में असर पड़ सकता है, लेकिन कर्मचारीलाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर काम को बेहतर कर सकते हैं। आप घर से निकलने पर दूसरे लोगों को देखकर ज्यादा प्रेरित होंगे। इसलिए बाहर निकलकरसावधानी बरतें। अगर आप घर से काम कर रहे हैं तो भी आलसको न पनपने दें। कहीं भी काम करने के बजाए एक जगह निर्धारित करें और नॉर्मल रूटीन खराब न करें।
स्वस्थ रहने की चिंता से भी हेल्थबिगड़ सकती है
डॉक्टर राजपूत बताती हैं किअगर आप सारे प्रिकॉशन्स ले रहे हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। ज्यादा चिंता करने से भी आपके स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ सकता है। चिंता या घबराहट से इम्युनिटी और मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए दफ्तर में काम करते वक्त खुद को शांत रखें।
पॉजिटव रहकर ही रुटीन को बेहतरकर पाएंगे
डॉक्टर राजपूत के मुताबिक, दफ्तर में वापसी करने पर आप कुछ परेशानियों का सामना कर सकते हैं। जैसे गाड़ी चलाने और दूसरे साधारण कामों को करने में आपको दिक्कत हो सकती है, लेकिन इससे उबरने का सबसे बेहतर उपाय है, सकारात्मक रहना। पॉजिटव रहकर आप रुटीन को बेहतर ढंग से कर पाएंगे। इसके कुछ और तरीके येहो सकते हैं-
- माइल्ड म्यूजिक: म्यूजिक परेशान दिमाग को शांत करने में मददगार हो सकता है। दफ्तर में काम के दौरान या खाली वक्त में आप माइल्ड म्यूजिक का सहारा ले सकते हैं। इससे आप काम में ज्यादा अच्छे तरीके से फोकस कर पाएंगे।
- बातचीत जरूरी: डर के कारण आप सहकर्मियों या दूसरों के साथ बातचीत करना न छोड़े। थोड़ी-थोड़ी देर पर आपअपने साथियों से ऑफिस मेंबात करते रहें, लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंगका ध्यान रखें, मास्क भी पहनें।
- ज्यादा मतसोचें: किसी भी चीज के बारे में ज्यादा विचार करने से आपकी ओवरऑल हेल्थ पर असर पड़ता है। ओवरथिंक न करें और ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक चीजों को बारें में सोचें। इससे आपको सामान्य रहने में मदद मिलेगी।
बुजुर्ग कर्मचारीज्यादा घबराहट के शिकार
डॉक्टर राजपूत बताती हैं किमहामारी के बीच सबसे ज्यादा चिंता बुजुर्गों में देखी गई है। खासकर जो 60 साल या इससे ज्यादा उम्र के हैं।तमाम गाइडलाइंस और पाबंदियों से वे ज्यादा घबराए हुए हैं। ऑफिस में काम करने वाले कर्मियों में कुछ बुजुर्ग भी शामिल हैं। ऐसे कर्मचारीइन सलाहों से खुदको चिंतामुक्त कर सकते हैं।
- परिवार के सदस्यों से बातचीत करें: दफ्तर से घर पहुंचने के बाद भी बुजुर्गों में अगले दिन ऑफिस जाने का डर बना रहता है। इससे निपटने के लिए उन्हें परिवार के लोगों से ज्यादा से ज्यादा बात करनी चाहिए। बुजुर्गपरिवार वालोंके साथ वक्त बिताएं। पुराने किस्से साझा करें।
- परिवार से रीति रिवाज शेयर करें: आमतौर पर घर के नए सदस्यों में घर की परंपराओं को लेकर जानकारी कम होती है। ऐसे में सीनियर सिटिजन घर में उन्हें इन चीजों की भी जानकारी दे सकते हैं। सभी के साथ बैठकर लंबे समय से चली आ रही परिवार की परंपराओं को लेकर बात करें।
- पुरानी रेसिपी ट्राय करें: हो सकता है किआपने अपने वक्त में कोई ऐसी डिश खाई हो, जिससे परिवार के दूसरे सदस्य महरूम रहे गए हैं। इन हालातों में आप रेसिपी ट्राय कर दिमाग को दूसरी जगह लगा सकते हैं।
- फैमिली ट्री के बारे में बताएं: इस दौरान आप अपने घर के नए बच्चोंको उन बूढ़े-बुजुर्गों से परिचित करा सकते हैं, जो गुजर चुके हैं। बच्चों के बीच फैमिली ट्री का क्रेज रहता है, इसके जरिए वे अपने दादा-परदादाओंको भी जान सकेंगे। आप बच्चों और दूसरे सदस्यों के साथ अपने किस्से भी साझा कर सकते हैं।
डॉक्टर की सलाह- किसी को भी बगैर मास्क लगाए बात करने की अनुमति न दें
घर ने निकलने से लेकर दफ्तर पहुंचने तक भी कर्मचारीवायरस के खतरे का सामना करतेहैं। इस चिंता को कम करने के लिए भी डॉक्टर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। गुजरात के वडोदरा में सीनियर कंसल्टेंट सर्जन और सीएमओ डॉक्टर हिमांशु पांडेय के मुताबिक सबसे जरूरी बात प्रिकॉशन्स फॉलो करना है। डॉक्टर पांडेय भी सावधानी बरतते हुए मरीजों का इलाज 'नो टच टेक्नीक' से कर रहे हैं। वे ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों को इन सावधानियों को बरतनेकी सलाह दे रहे हैं-
घर से निकलने के बाद क्याकरें?
- पर्सनल प्रोटेक्शन: घर से निकलते वक्त खुद की सुरक्षा पर खासा ध्यान दें। मास्क पहनकर रखें, क्योंकि मास्क आपके कीटाणु किसी और तक फैलने से रोकता है। इसके अलावा जिससे भी आप संपर्क कर रहें हैं, उन्हें स्पष्ट तौर पर मास्क पहनने के लिए कहें।
- सोशल डिस्टेंसिंग: ऑफिस मेंदो लोगों के बीच बात करते वक्त करीब 2 मीटर की दूरी होना चाहिए। लेकिन अगर आप दो मीटर के नियम को फॉलो नहीं कर पा रहे हैं, तो कम से एक मीटर की दूरी से बात करें। क्योंकिकिसी व्यक्ति से निकला लिक्विड ज्यादा से ज्यादा दो फीट तक जा सकता है।
- उंगलियों का रखें ध्यान: घर से निकलते वक्त उंगलियों का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि हो सकता है, आप किसी संक्रमित सतह को छू लें। ऑफिस पहुंचने तक आप उंगलियों को लटकाकर ही रखें, इनसे न तो कपड़ों और न हीशरीर के किसी भी हिस्से को छूएं। दफ्तर पहुंचने पर हाथों को साबुन से साफ करें।
दफ्तर पहुंचने पर क्या करें?
- कुर्सियों के बीच हो दूरी: ऑफिस मेंआप अपनेसहकर्मियों के साथ एक सुरक्षित दूरी बनाकर रखें।आपकी कुर्सियों के बीच करीब एक मीटर का फासला होना चाहिए।जहां तक संभव हो मास्क भी पहनें। हाथ को साबुन से धुलें यासैनेटाइज करें।
- भीड़ जुटाकर काम न करें: इस वक्त भीड़ से बचें। इसलिए ऑफिस में भीएहतियात के तौर पर लोगों के नजदीक जाकर कोई भी काम न करें। इस दौरान बेहतर होगा कि आप खाना और दफ्तर के दूसरे जरूरी काम अकेले ही करें।
दफ्तर से घर लौटने पर क्या करें?
- सतहों को साफ करें: कार की स्टीयरिंग, गेट नॉब जैसी कई सतह जो आपके संपर्क में आई हैं,उन्हें सैनेटाइज करें। इससे इन जगहों पर मौजूद संक्रमण फैलाने वाले वायरस हट जाएंगे। इसके बाद घर के अंदर जाने से पहले हाथ को अच्छी तरह से सैनेटाइज करें, या साबुन सेधो लें।
- बाहर जाने के कपड़े तय कर लें: ऑफिसजाने के लिए आपअलग-अलग कपड़ेरख सकते हैं। उसे कार में या कहीं बाहर रख सकते हैं। एक कपड़े कोहफ्ते में तीन अलग-अलगदिन पहन सकते हैं।जूते और मोजों को भी घर के बाहर ही उतार दें।
93%कर्मचारी दोबारा ऑफिस जाने से डर रहे: सर्वे
कोरोनावायरस केचेन को तोड़ने के लिए देश के करीब 30 लाख आईटी कर्मचारियोंने मार्च से ही वर्क फ्रॉम होम की शुरूआत कर दी थी। दूसरे सेक्टर्स को मिलाकर यह आंकड़ा करोड़ों में हो सकता है। ऐसेअब जब दफ्तरों में लौटने का वक्त आ गया है, तो कर्मचारियों के मन में सावधानी और स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल हैं। एफवायआई और माइंडमैप एडवांस रिसर्च के एक सर्वेके मुताबिक करीब 93 फीसदी कर्मचारी महामारी के बीच दोबाराऑफिस जाने सेडरे हुए हैं।
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