शोधकर्ताओं का कहना है कि दिन में कम से कम 6 बार हाथ धोकरऔर चेहरा ढककर कोरोना संक्रमण का खतरा 90% तकखत्म किया जा सकता है। मास्क लगाते हैं तो 90 फीसदी तक ड्रॉप्लेट्स (छींक-खांसी की छोटी बूंदें) से होने वाला संक्रमण रोका जा सकता है। हाइजीन के इनदोनों जरूरी उपायों परकी गई रिसर्च में भी लगभग वही बातें निकल कर आई हैं जो हर देश के विशेषज्ञ और सरकारें कह रही हैं।
टेस्टेड होममेड मास्क अच्छे:एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सात अलग-अलग तरह से चेहरे को ढकने वाले मास्क पर रिसर्च की। इनमें मेडिकल मास्क और होममेड मास्क भी शामिल थे। शोधकर्ताओं का कहना ये भी कोरोना को रोकते हैं। शोधकर्ता डॉ. फेलिसिटी मेहनउेल के मुताबिक, चाहें घर के बने मास्क हों या सर्जिकल ये सभी सीधे तौर पर आने वाले वायरस को रोकने में सफल हैं।
मास्क चारों तरह से जितना पैक उतना बेहतर:शोधकर्ता का कहना है कि कुछ मास्क ऐसे होते हैं, जिसमें किनारों से तेजी से हवा अंदर आती है। जबकि सर्जिकल और टेस्टेड होममेड मास्कहवा के फ्लो को रोकता है। अगर मास्क में चारों तरफ से हवा जाने की जगह नहीं है तो यह सबसे सुरक्षित है।
सीडीसी ने भी की थी अपील:
अमेरिकी के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने भी अपील की थी कि अमेरिकी लोग कपड़े या फैब्रिक से बने मास्क पहनें। इस तरह के मास्क को या तो ऑनलाइन खरीदा जा सकता है या फिर इन्हें घर पर ही बनाया जा सकता है। सामान्य लोगों को मेडिकल ग्रेड मास्क नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि ये बेहद कम संख्या में हैं और लोगों की जान बचाने में जुटे मेडिकल स्टाफ के लिए इनकी उपलब्धता जरूरी है।
2006 से 2009 की महमारी के भी आंकड़े जुटाए :यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना जैसे खतरनाक वायरस के संक्रमण से बचने के लिए रोजाना कम से कम 6 बार और ज्यादा से ज्यादा10 बार हाथ धोना जरूरी। 2006 से 2009 के बीच फैली वायरस की महामारी के आंकड़ों के मुताबिक, इसे साबुन और पानी से खत्म किया जा सकता है।
1663 लोगों पर अध्ययन किया गया :शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना समूह के सभी वायरस एक ही तरह की महामारी से जुड़े हैं। सभी के संक्रमण में सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे संक्रमण से बचने के लिए बार-बार हाथ धोना ही बेहतर विकल्प है। वेलकम ओपन रिसर्च जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, 1663 लोगों पर अध्ययन किया गया। रिसर्च के दौरान पाया गया कि जिन्होंने कम से कम 6 बार हाथ धोए उनमें संक्रमण का खतरा कम था। इंग्लैंड में सरकार की ओर से 20 सेकंड तक हाथ धोने की सलाह दी गई है।
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