मंगलवार, 19 मई 2020

लॉकडाउन के बाद सैनिटाइजर की मांग 64% बढ़ी, यूपी सबसे ज्यादा रोजाना 2 लाख लीटर प्रोडक्शन कर 23 राज्यों को भेज रहा

रिसर्च टीम. कोरोना के चलते पूरी दुनिया में हर कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है, लेकिन सैनिटाइजर का बाजार लगातार बढ़ता जा रहा है। लॉकडाउन के बाद से करीब 500 छोटी-बड़ी मैन्यूफैर्क्चस यूनिट इस सेक्टर में उतर चुकी हैं। इसमें 152 ऐसी कंपनियां हैं, जो साबुन, बॉडी, फेश और हैंड वॉश के साथ-साथ सैनिटाइजर का भी उत्पादन कर रही हैं। ऑल इंडिया डिस्टिलर्स एसोसिएशन (एआईडीए) के अनुसार 150 से अधिक डिस्टिलरी भी देश में सैनिटाइजर का उत्पादन कर रही हैं। देश में एल्कोहल बेस्ट सैनिटाइजर की मांग में 64% का इजाफा हुआ है।

सबसे ज्यादा कंपनियां यूपी में बना रहीं सैनिटाइजर

सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 85 चीनी मिलें, 12 डिस्टिलरी, 37 कंपनियां और 9 अन्य संस्थाएं प्रतिदिन 2 लाख लीटर सैनिटाइजर का निर्माण कर रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सात मई तक प्रदेश में 45 लाख 15 हजार लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन हुआ, जिसमें से 19 लाख 31 हजार लीटर 23 राज्यों को सप्लाई किया गया है।

एक साल इस सेक्टर का आकार 30 करोड़ रुपए बढ़ा

निल्सन इंडिया के मुताबिक महामारी के बाद से भारत के सैनिटाइजर बाजार में चार गुना का इजाफा हुआ है। 2019 में मार्च महीने में इस सेक्टर का कुल कारोबार 10 करोड़ रुपए था। मार्च 2020 में 43 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। कोरोना वायरस का टीका न बनने की सूरत में अगले पांच साल में इस सेक्टर में 10-15 फीसदी की ग्रोथ की संभावना है।

यूपी में अप्रैल में रोजाना2 लाख लीटर प्रोडक्शन हुआ

उत्तर प्रदेश के गन्ना और चीनी आयुक्त संजय भूसरेड्डी के अनुसार मार्च में करीब 50 उत्पादन इकाइयां रोजाना 60 हजार लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन करती थीं, लेकिन मांग बढ़ने के बाद कुछ और चीनी मिलें, डिस्टिलरी व अन्य संस्थाओं को अनुमति दी गई। जिससे प्रोडक्शन 2 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया। लॉकडाउन के बाद से हरियाणा में सबसे ज्यादा सैनिटाइजर की खपत हुई। वहां पर 4.11 लाख लीटर सैनिटाइजर की सप्लाई की जा चुकी है।

  • भारत में स्थिति-

152 नए निर्माताओं के आने से सैनिटाइजर बाजार की हिस्सेदारी का अनुपात 60-40 तक पहुंचा

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार सैनिटाइजर सेक्टर की शीर्ष तीन कंपनी रेकिट बेंकिसर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और हिमालया ड्रग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की बाजार हिस्सेदारी जनवरी और फरवरी में 85% से मार्च में गिरकर 39% हो गई। लॉकडाउन के बाद से देश में 152 नए निर्माताओं के आने से बाजार में हिस्सेदारी का अनुपात 60-40 तक पहुंच चुका है। आईटीसी लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, इमामी लिमिटेड और ज्योति लेबोरेटरीज लिमिटेड जैसी कंपनियों ने भी तेजी से सैनिटाइजर का प्रोडक्शन शुरू किया है। यहां तक कि शराब बनाने वाली कंपनी डियाजियो इंडिया भी इस रेस में कूद पड़ी है।

  • दुनिया में स्थिति-

इस साल ग्लोबल सैनिटाइजर मार्केट का आकार 14 हजार करोड़ रुपए होने का अनुमान

अमेरिका की मार्केट रिर्सच कंपनी फॉर्च्यून बिजनेस इनसाइट के विश्लेषण के मुताबिक 2020 में ग्लोबल सैनिटाइजर बाजार की वार्षिक वृद्धि दर 5.06% से बढ़कर 45.7% होने का अनुमान है। कोरोनावायरस के आउटब्रेक से पहले 2020 में सैनिटाइजर का बाजार करीब 10 हजार करोड़ रुपए होने का अनुमान था, जो अब बढ़कर करीब 14 हजार करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।

  • डब्ल्यूएचओ क्या कहता है?

हर 2घंटे में हाथ धुलना या सैनिटाइजर के प्रयोग ही कोरोना का सबसे कारगर इलाज

डब्ल्यूएचओ के अनुसार मौजूदा हालत में कोरोना महामारी से बचाव का सबसे सरल और सस्ता उपाय हर दो घंटे में हाथ धुलना या फिर एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना है। चिकित्सकों के अनुसार ऐसा करने से कोरोना का वायरस नष्ट हो जाता है और संक्रमण की संभावना क्षीण हो जाती है। भारत में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने राज्य सरकारों को डिस्टलरीज और चीनी कंपनियों को लाइसेंस देने का निर्देश दिया था, ताकि मांग को पूरा करने के लिए हैंड सैनिटाइजर का निर्माण किया जा सके।



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Coronavirus India (UP) Lockdown Updates; Hand Sanitizer Demand Increased Sixty-four Percent After Lockdown In Uttar Pradesh


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