भारत ने चीन को चेतावनी दी है कि बॉर्डर पर फौज बढ़ाने की कोशिश की तो ना सिर्फ शांति प्रक्रिया पर असर पड़ेगा बल्कि दोनों देशों के संबंधों (बाइलेटरल रिलेशनशिप) को भी नुकसान हो सकता है। चीन से कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में अपनी एक्टिविटीज बंद करे। चीन में भारत के राजदूत (एंबेसडर) विक्रम मिसरी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में शुक्रवार को ऐसा कहा।
'चीन खुद तय करे कि संबंध कैसे रखने हैं'
मिसरी ने कहा कि बॉर्डर पर चीन के सैनिकों की हरकतों से दोनों देशों के संबंधों को लेकर भरोसा कम हुआ है। यह पूरी तरह चीन की जिम्मेदारी है कि वह रिश्तों को लेकर सावधान रहे और तय करे कि आगे क्या करना है? चीन को भारतीय सैनिकों की नॉर्मल पैट्रोलिंग में रोक-टोक नहीं करनी चाहिए।
'चीन उस सेक्टर में भी सक्रिय, जहां कभी विवाद नहीं था'
मिसरी ने लद्दाख में गलवान वैली पर चीन के दावे को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की झूठी बातों से चीन को कोई फायदा नहीं होगा। बॉर्डर पर हमारी तरफ से जो भी एक्टिविटीज होती हैं वे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हमारे इलाके में ही होती हैं। चीन को गैर-जरूरी एक्टिविटीज रोकने की जरूरत है। यह चौंकाने वाली बात कि उन्होंने उस सेक्टर में भी हरकतें कीं जो कभी विवादों में नहीं था।
'बॉर्डर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार'
चीन के गलवान वैली पर दावे के जवाब में भारतीय राजदूत ने यह रिएक्शन दिया है। भारत में चीन के एंबेसडर सन वेडॉन्ग ने गुरुवार को कहा था कि बॉर्डर पर तनाव कम करने की जिम्मेदारी भारत की है। इस पर मिसरी ने कहा, हमारी तरफ से यह साफ है कि अभी जो स्थिति बनी है उसके लिए चीन जिम्मेदार है। अप्रैल और मई में लद्दाख में एलएसी पर चीन की एक्टिविटीज बढ़ गई थीं, इससे हमारे जवानों को नॉर्मल पैट्रोलिंग में भी दिक्कतें हुईं और तनाव की स्थिति बनी।
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