मंगलवार, 11 अगस्त 2020

हर साल जिन 10 राज्यों में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले, उनमें से 9 में कोरोना के 50 हजार से ज्यादा मरीज

देश में कोरोनावायरस के मामले 22 लाख के पार पहुंच गए हैं। 12 साल में ये दूसरी महामारी है। इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने 2009 में स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया था। इस महामारी से लाखों लोग मारे गए थे। अगस्त 2010 में डब्ल्यूएचओ ने स्वाइन फ्लू के महामारी नहीं रहने की घोषणा की थी। लेकिन, आज भी ये बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। भारत में हर साल स्वाइन फ्लू के हजारों मामले आते हैं, जबकि सैकड़ों जानें चली जाती हैं।

स्वाइन फ्लू और कोरोनावायरस दोनों अलग-अलग हैं, लेकिन दोनों के लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं। इन दोनों ही बीमारियों में सांस लेने में दिक्कत आती है। हमारे देश में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले जिन राज्यों में आ रहे हैं, ये वही राज्य हैं, जहां हर साल स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले आते हैं।

जिन 10 राज्यों में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले, वहां कोरोना का ज्यादा असर
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल यानी एनसीडीसी पर स्वाइन फ्लू के मामलों का 23 फरवरी 2020 तक का डेटा मौजूद है। इस डेटा के मुताबिक, भारत में हर साल स्वाइन फ्लू के हजारों मामले सामने आते हैं। इनमें से कइयों की जान भी जाती है।

एनसीडीसी के डेटा के मुताबिक, 2019 में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और तमिलनाडु में दर्ज किए गए थे। इन्हीं 10 राज्यों में से सिर्फ हरियाणा को छोड़कर बाकी सभी में कोरोनावायरस के भी 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

इतना ही नहीं, 2020 की 23 फरवरी तक ही जिन 6 राज्यों में सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू के मामले आए थे, वो सभी कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं। इन राज्यों में दिल्ली, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र हैं।

स्वाइन फ्लू जब महामारी थी, तब उतने मामले नहीं आए, जितने बाद में आए
अप्रैल 2009 में स्वाइन फ्लू का पहला मामला मैक्सिको में सामने आया था। उसके बाद 13 मई को भारत में भी स्वाइन फ्लू का पहला मामला आया। 11 जून 2009 को इसे महामारी घोषित किया गया था।

2009 में मई से दिसंबर के बीच देश में स्वाइन फ्लू के 27 हजार 236 मामले सामने आए थे और 981 मौतें हुई थीं। अगस्त 2010 में डब्ल्यूएचओ ने इसके महामारी नहीं रहने की घोषणा की थी।

स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले 2015 में दर्ज हुए थे। उस साल देशभर में 42 हजार से ज्यादा मामले आए थे और करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई थी। उसके बाद 2017 में भी 38 हजार से ज्यादा मामले आए थे और 2 हजार से ज्यादा मौतें हुई थीं।

इसी साल 1 मार्च तक देश में 1 हजार 469 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि, 28 लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से हो चुकी है।

स्पैनिश फ्लू के बाद कोरोना दूसरी महामारी, जिसमें सबसे ज्यादा जान गई
1918 से 1920 के बीच दुनिया में फैली स्पैनिश फ्लू महामारी को पिछले 500 साल के इतिहास की सबसे खतरनाक महामारी माना जाता है। अनुमान लगाया जाता है कि इस महामारी से दुनिया की 50 करोड़ आबादी संक्रमित हुई थी और 5 करोड़ लोग मारे गए थे। अकेले भारत में ही इससे 1.7 करोड़ से ज्यादा मौतें हुई थीं।

स्पैनिश फ्लू इसलिए भी खतरनाक था, क्योंकि इससे ठीक होने की उम्मीद सिर्फ 10 से 20% ही थी। स्पैनिश फ्लू के बाद कोरोनावायरस ऐसी महामारी है, जिससे सबसे ज्यादा जान गई है। कोरोना से अब तक देश में 44 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।



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ये तस्वीर अगस्त 2009 की है। उस समय भी जब स्वाइन फ्लू फैला था, तो मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया था।


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