कोरोनावायरस के बारे में नई जानकारी सामने आई है। साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, संक्रमण के बाद वायरस का आकार बदलता है। इसकी वजह है स्पाइक प्रोटीन। वायरस का स्पाइक प्रोटीन संक्रमित इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद लम्बे रॉड का आकार ले लेता है।
यह दावा अमेरिका के बोस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल ने अपनी रिसर्च में किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि वायरस पर यह नई जानकारी वैक्सीन तैयार करने वाले वैज्ञानिकों के लिए बहुत मददगार साबित होगी।
क्या होता है स्पाइक प्रोटीन
कोरोनावायरस की बाहरी सतह पर क्राउन (मुकुट) की तरह दिखने वाला जो हिस्सा होता है, यहां से वायरस प्रोटीन को निकालता है। इसे स्पाइक प्रोटीन कहते हैं। इसी प्रोटीन से संक्रमण की शुरुआत होती है। यह इंसान के एंजाइम एसीई2 रिसेप्टर से जुड़कर शरीर तक पहुंचता है और फिर अपनी संख्या बढ़ाकर संक्रमण को बढ़ाता है।
ऐसे हुई रिसर्च
वायरस पर रिसर्च कर रहे बोस्टन चिल्ड्रंस हॉस्पिटल के शोधकर्ता डॉ. बिंग चेन और उनकी टीम ने क्रायोजेनिक इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी से वायरस को देखा। इस दौरान कई बातें सामने आईं। शोधकर्ताओं ने पाया कि स्पाइक प्रोटीन अपना आकार बदल रहा है। संक्रमण के पहले वायरस का आकार कुछ और है और संक्रमण के बाद यह कुछ और तरह का दिख रहा है।
ट्राइंगल सा दिखने वाला स्पाइक प्रोटीन संक्रमण के बाद सख्त हेयर पिन की तरह नजर आ रहा है। यह बदलाव इंसान के ACE2 रिसेप्टर के सम्पर्क में आने के बाद शुरू होता है।
यह बदलाव अच्छा या बुरा
डॉ. चेन के मुताबिक, स्पाइक प्रोटीन आकार बदलना यह बताता है कि वायरस किसी भी सतह पर कुछ समय के लिए जिंदा रहता है। इसका रॉड जैसा आकार हमारे इम्यून सिस्टम को वायरस से बचाने में मदद कर सकता है। संक्रमण के बाद वाला प्रोटीन का रॉड आकार एंटी बॉडीज को वायरस न्यूट्रल करने में मदद कर सकता है।
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