मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

160 साल पहले आईपीसी लागू हुआ; रूस ने किया परमाणु हथियार बनाने की होड़ में शामिल होने का ऐलान

भारतीय दंड विधान यानी इंडियन पीनल कोड 1860 में 6 अक्टूबर को पारित हुआ था। उसे एक जनवरी 1861 से लागू किया गया था। हत्या से लेकर रेप तक और चोरी से लेकर मानहानि तक हर अपराध की सजा क्या होगी, इसमें ही तय किया गया है।

1837 में थॉमस मैकाले की अध्यक्षता में पहले लॉ कमीशन ने इंडियन पीनल कोड का ड्राफ्ट तैयार किया था। बार्न्स पीकॉक ने ड्राफ्ट में आवश्यक सुधार किए और लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्यों ने इसे पास किया था। पीकॉक बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस भी बने थे। उस समय आईपीसी को बनाने वालों के दिमाग में कहीं न कहीं गुलाम और आका वाली मानसिकता थी।

इस वजह से राजद्रोह जैसे कई सेक्शन आज भी विवादित हैं। 1860 के बाद से आईपीसी के कई सेक्शन बदले जा चुके हैं। कई बार संशोधन हुए, दहेज हत्या से लेकर कई अपराध जुड़े और कई अपराध हटे भी। इसे भारतीय कानूनों में सबसे ज्यादा डायनामिक भी कहा जा सकता है, जिसके कई सेक्शन अदालतों के दखल के बाद भी हटाए गए।

1951: रूस ने किया परमाणु हथियारों की होड़ का ऐलान

अमेरिका ने 1945 में जापान पर परमाणु हमला किया तो सोवियत संघ यानी आज का रूस बेचैन हो गया था। उसने 6 अक्टूबर 1951 को ही परमाणु हथियारों की होड़ में शामिल होने का ऐलान किया था। सोवियत संघ के प्रमुख अखबार प्रावदा में जोसेफ स्टालिन का इंटरव्यू छपा था, जिससे लोगों को पहली बार पता चला कि 1949 में परमाणु बम टेस्ट करने के बाद सोवियत संघ ने भी परमाणु बम बना लिया है।

दरअसल, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से अमेरिका बहुत ही ज्यादा ताकतवर हो गया था। सोवियत संघ को लगा कि परमाणु हथियारों की बात उससे छुपाई गई। इससे पश्चिमी देशों और सोवियत संघ में अविश्वास पैदा हुआ और शीत युद्ध की शुरुआत हुई। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के मुताबिक रूस के पास 6,500 से अधिक परमाणु हथियार हैं।

सोवियत संघ के ऐलान के बाद ब्रिटेन ने 3 अक्टूबर 1952 को पहली बार परमाणु बम बनाने का दावा किया। फिर चीन, इजरायल, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी होड़ में शामिल हो गए। लीबिया और ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी संदेह के घेरे में है।

2007: जैसन लुईस ने दुनिया का चक्कर पूरा किया

जैसन लुईस

अंग्रेज जैसन लुईस ने 12 जुलाई 1994 में एक्स्पीडिशन 360 नाम से ग्रीनविच, लंदन से दुनिया का चक्कर लगाने का अभियान शुरू किया था। 46,000 मील की इस यात्रा में 4,833 दिन लगे। इस दौरान उन्होंने ह्यूमन-पॉवर से चलने वाले परिवहन साधनों का ही इस्तेमाल किया, जैसे- साइकिल, रोलर ब्लेड्स और पेडल से चलने वाली बोट।

इतिहास में आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः-

  • 1499: फ्रांस के राजा लुईस ने मिलान पर कब्जा किया।
  • 1582: ग्रेगरियन कैलेंडर लागू होने से पोलैंड, स्पेन, इटली तथा पुर्तगाल में यह दिन कैंसल हो गया।
  • 1683: 13 जर्मन परिवार जर्मनी के क्रेफेल्ड से फिलाडेल्फिया आए थे। इस दिन हर साल जर्मन अमेरिकी दिवस मनाया जाता है।
  • 1762: ब्रिटिश सैनिकों ने फिलीपींस के मनीला पर कब्जा किया।
  • 1893: मैथमेटिक्स और फिजिक्स में महत्त्वपूर्ण कार्य करने वाले भारतीय वैज्ञानिक मेघनाथ साहा का जन्म।
  • 1927ः डायलॉग और बैकग्राउंड म्युजिक से सजी पहली फीचर फिल्म ‘द जैज सिंगर’ 1927 को रिलीज हुई।
  • 1957: सोवियत संघ ने नोवाया त्रेमल्या में परमाणु परीक्षण किया।
  • 1972: मेक्सिको में ट्रेन के बेपटरी होने से 208 लोगों की मौत।
  • 1973: इजरायल पर मिस्र और सीरिया की फौजों ने दो-तरफा हमला शुरू किया।
  • 1980: गुयाना ने संविधान को अंगीकार किया।
  • 1981: मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादत की इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हत्या कर दी।
  • 1983: पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
  • 1987: फिजी एक गणराज्य घोषित हुआ।
  • 1995: दो स्विस वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सौर व्यवस्था के बाहर के ग्रह की पहली बार पहचान की।
  • 2004: नेपाल के नरेश ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह देव ने सत्ता नहीं संभालने की घोषणा की।
  • 2006: संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान में शांति रक्षकों को बल प्रयोग का अधिकार दिया।
  • 2007: परवेज मुशर्रफ एकतरफा जीत के साथ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने।


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