दिल्ली के रहने वाले जगदीश कुमार न्यूजीलैंड के हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम कर रहे थे। लाखों में सैलरी थी, 15 साल तक उन्होंने यहां काम किया। फिर लगा कि बस बहुत हो गया, अब अपने देश के लिए कुछ करना चाहिए, अपने वतन को लौटना चाहिए। 2018 में वे भारत आ गए। यहां आकर उन्होंने NRI चायवाला शुरु किया। आज उनके पास चाय की 45 वैरायटी हैं, जिसमें उन्होंने अलग-अलग हर्ब्स को मिलाकर चाय तैयार करते हैं। इससे सालाना वे 1.8 करोड़ रु कमा रहे हैं।
जगदीश ने भोपाल के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से ग्रैजुएशन की है। इसके कुछ सालों बाद ही वह न्यूजीलैंड चले गए। वो कहते हैं, 'यहां आने के बाद राह इतनी आसान नहीं थी, जितनी मैंने सोचा था। भारत आने के बाद देश के कई शहरों में गया। फरवरी 2019 में नागपुर के मिहान में कॉर्पोरेट्स ऑफिस में अपनी चाय सर्व करने की कोशिश की, लेकिन मुझे वहां से निराशा ही मिली, लोगों ने मुझे जगह नहीं दी।”
वह आगे कहते हैं, “बस इसके बाद ही मैंने चाय बनाने के लिए जरूरत के सामान को इकट्ठा कर उनके ऑफिस के बाहर ही चाय की एक टेबल लगा ली। ये वो जगह थी, जहां पर दफ्तर आने वाले लोग उतरते और रुकते थे। मैंने वहां पर 10-12 तरह की वैरायटी पेश की। मेरी चाय को खूब पसंद किया जा रहा था।
फिर कुछ दिन बाद मैंने अपनी टेबल के आगे ‘NRI चायवाला’ का बैनर लगा दिया, जो लोगों के बीच कौतूहल का विषय बन गया। वहां आने वाले लोगों से मैं अंग्रेजी में बात करता था, इससे उन्हें लगता था कि कोई चाय वाला है, जो अंग्रेजी में बात करता है।”
‘मम्मी के हाथ वाली चाय’
जगदीश कहते हैं, “मैंने लोगों को 10-12 तरह की चाय पेश की। इसमें मसाला चाय, तंदूरी चाय, मिंट चाय, चॉकलेट चाय, मम्मी के हाथ वाली चाय, मर्दों वाली चाय, प्यार-मोहब्बत वाली चाय, उधार वाली चाय आदि।” वह बताते हैं, ‘चाय पीने से पहले ऑफिस के लोग हंसते थे, इसके बाद चाय के बारे में पूछते थे।’ ये NRI चायवाला के ये कुछ अनूठे फ्लेवर हैं, जो लोगों में दिलचस्पी जगाते हैं। चाय की इन सभी वैराइटी में कुछ खास मसाले भी डाले जाते हैं, जो उनकी सीक्रेट रेसिपी हैं। वह इसे किसी से शेयर नहीं करते हैं।
‘प्यार-मोहब्बत वाली चाय’
जगदीश कुमार प्यार-मोहब्बत वाली चाय की रेसिपी बताते हुए कहते हैं, ‘प्यार-मोहब्बत वाली चाय में आधा दूध, आधा पानी, इलायची फ्लेवर, रोज पैडल (पंखुड़ियां) मिलाकर चाय सर्व की जाती है। ये लड़के-लड़कियों को दी जाती है। इसे बेहद पसंद किया जा रहा है।’
जगदीश के मुताबिक, वह देश में चाय को स्टेटस सिंबल बनाना चाहते हैं। अभी हमारे देश में कॉफी को स्टेटस सिंबल माना जाता है, लेकिन मैं चाय को काॅफी के मुकाबले खड़ा करना चाहता हूं। वह कहते हैं, उन्हें भारत के चाय बाज़ार में अभी बड़ी प्रतिस्पर्धा का माहौल नहीं है। देश में यह बाज़ार अभी पारंपरिक ढंग से ही चल रहा है, जिससे इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने के काफी मौके हैं। चाय के साथ इनोवेशन NRI चायवाला ने बड़े ही अनूठे ढंग से अपनी विभिन्न फ्लेवर वाली चाय के नाम रखे हैं।
जगदीश कुमार कहते हैं, “भारत चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। हमें वहां सबसे अच्छी चाय पीनी चाहिए। लेकिन, यहां पर ज्यादातर चाय स्तरहीन होती है। मैं चाहता हूं कि भारत दुनिया में चाय उद्योग में ग्लोबल लीडर बने। इसलिए मैंने अब तक 45 प्रकार की चाय बनाई है, वो भी हमारे आयुर्वेद के मिश्रण से, जो लोगों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होगी।”
नोएडा में जगदीश कुमार के तीन आउटलेट हैं और नागपुर में दो। कोरोनाकाल में ये बंद हो गए थे, लेकिन अब नोएडा के आउटलेट ओपन हो गए हैं। NRI चायवाला के आउटलेट में प्योर इंडिया वाली फील लाने के लिए पुरानी फिल्मों के पोस्टर, रेडियो अमीन सयानी की आवाज और पुराने बॉलीवुड गीतों की खनक सुनाई देती है। जगदीश कहते हैं कि हमारे आउटलेट में चाय के लिए आधे घंटे की वेटिंग होती है।
जगदीश कुमार अब अपने ब्रांड को दिल्ली एनसीआर से बेंगलुरु, पुणे, चंडीगढ़ और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में 2021 के अंत तक 10-15 आउटलेट खोलना चाहते हैं। इसके बाद उनकी योजना लखनऊ और जयपुर जैसे शहरों में पहुंचने की है। जहां पर वह मानते हैं कि आधुनिक और पारंपरिक बाजार दोनों हैं और हमारे पास उन्हें देने के लिए एक अनूठा उत्पाद है।
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