वर्ल्ड फूड प्रोग्राम संगठन (डब्लूएफपी) को साल 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। नॉर्वे की नोबेल कमेटी की अध्यक्ष बेरिट राइस एंडर्सन ने शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 2019 में 88 देशों के करीब 9.7 करोड़ लोगों तक वर्ल्ड फूड प्रोग्राम से सहायता पहुंची।
नोबेल शांति पुरस्कारों के लिए इस साल 318 नॉमिनेशन आए थे। इनमें 211 शख्सियतें और 107 संगठन शामिल थे। यह भी खबर थी कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी नाम शामिल था।
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम दुनिया भर में भूख को मिटाने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा संगठन है। संगठन ने कोरोना के दौर में दुनियाभर में जरूरतमंदों को खाना खिलाने और मदद करने में भी अहम भूमिका निभाई। कोरोना महामारी के दौरान वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की जिम्मेदारी और बढ़ गई है, क्योंकि भूख से जूझ रहे लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। संस्था का कहना है कि जब तक वैक्सीन नहीं आती, तब तक खाना ही सबसे अच्छी वैक्सीन है।
संस्था ने कहा- हमारे स्टाफ के काम को पहचान मिली
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने कहा है कि नोबेल मिलने से उसके स्टाफ के काम को पहचान मिली है, जिसने दुनिया के 10 करोड़ से ज्यादा भूखे बच्चों और महिला-पुरुषों की मदद में पूरी ताकत लगा दी।
WFP is deeply humbled to receive the 2020 #NobelPeacePrize.
— World Food Programme (@WFP) October 9, 2020
This is in recognition of the work of WFP staff who put their lives on the line every day to bring food and assistance to more than 100 million hungry children, women and men across the world. pic.twitter.com/cjHOtqLcLk
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम संगठन क्या है?
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस) की फूड प्रोग्राम से जुड़ा एक संगठन है। यह जरूरतमंदों को खाना खिलाता है और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है। इस संगठन को 1961 में बनाया गया था।
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