शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020

बाबा चौक पर पहुंच गए बाबा, पान में चूना लगाते दुकानदार ने कहा- नीतीश कुमार को कम नय बूझिए, राजद के साथ भी जा सकते हैं!

यह बाबा चौक है। रात के आठ बजे रहे हैं। पटेल नगर से आगे और केशरी नगर से पहले पड़ता है बाबा चौक। यहां से पूरब की तरफ सड़क बोरिंग रोड तक जाती है। उत्तर की तरफ केशरी नगर और राजीव नगर हैं और दक्षिण की तरफ पटेल नगर। दरअसल यह तीन मुहाना है। चौक तो कहने के लिए है। पूरब की ओर जाने वाली सड़क पर एक खुला नाला है, जिसका पानी थोड़ी ही बारिश में सड़क के लेवल तक आ जाता है। नाला ऐसा खुला हुआ कि हादसे आम बात हैं। हाल ही में एक बड़ा ट्रक नाले में गिर चुका है। नाला और सड़क के बीच कोई बैरिकेडिंग नहीं। सड़क भी जहां-तहां से ऐसी धंसी हुई कि लोग इधर से जाना पसंद नहीं करते। यह राजधानी के दीघा विधानसभा इलाके के विकास की एक तस्वीर है।

इसी बाबा चौक पर बीते 10 साल से कन्हैयाजी मछली बेच रहे हैं। जाति के मल्लाह हैं। नाले पर ही बांस डालकर बैठने और मछली बेचने का इंतजाम है। कई बार मछली फिसलकर नाले में चली जाती है। पर बेचना है तो बेचना है। जिंदा मछली भी है इनके पास। उनको भरोसा है कि रेल लाइन हटाकर फोर लेन बनने का काम पूरा होते ही इस नाले पर काम शुरू होगा। कहते हैं 'हम राजनीति बहुत' कम समझते हैं, लेकिन सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी गलत जगह थे। हमको पता था उनके साथ गड़बड़ होगा। अब सही जगह चले गए हैं… बीजेपी में।'

कन्हैयाजी से बात चल ही रही है कि उनकी पत्नी ललिता देवी आ गई हैं। कहती हैं 'दो-तीन साल से दौड़ रहे हैं राशन कार्ड बनवाने के लिए, लेकिन बन ही नहीं रहा। वार्ड नंबर-7 के पार्षद जयप्रकाश सहनी हैं। उनको वोट भी दिए पर वे कार्ड नहीं बनवा पा रहे हैं।' कहते हैं, मेरे खाते में कोई एक हजार रुपया नहीं आया। उनकी इच्छा है कि नीतीश कुमार ही फिर से आएं। क्यों? इसलिए कि गांव में बहुत काम हुआ है!

बातों के बीच ही, कांग्रेस की स्टेट वर्किंग कमेटी में रह चुके शशिकांत तिवारी आ गए हैं। एकदम लकदक कुर्ता पायजामा में फिट। काफी उत्साह में हैं। कहते हैं- ‘भाजपा के साथ लोजपा की मिलीभगत है। इसका बड़ा फायदा महागठबंधन को होगा। हमारे वोटर कन्फ्यूज नहीं हैं।’ तिवारी जी को इस बात का दुख है कि कांग्रेस के तीन सिटिंग एमएलए का टिकट कट गया इस बार।

बाबा चौक पर अब एक बाबा की एंट्री भी हो चुकी है। अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं। नाम है गुड्डू बाबा। नन्दन पान दुकान पर बातचीत करते हुए गुड्डू बाबा बिहार की राजनीतिक उथल-पुथल पर कहते हैं, 'मुट्ठी भर लोकतंत्र के ठेकेदार अपनी औकात बताने में लगे हैं। यह शुभ संकेत है और आने वाले समय में युवा, सामाजिक कार्यकर्ता, किसानों, गरीबों के बच्चे चुनाव में उतरेंगे। ये वही गुड्डू बाबा हैं, जो जनहित याचिका के जरिए जनहित के कई फैसले कोर्ट से करा चुके हैं।' सवाल करते हैं- आज तक नाला खतरनाक तरीके से खुला हुआ क्यों है? बताते हैं कि उनके कोर्ट जाने के बाद अब डेढ़ सौ वेंडिंग जोन बन रहे हैं। लोगों में सिस्टम के प्रति काफी आक्रोश है।

कहते हैं कि 'पढ़ाई-लिखाई शास्त्रीनगर स्कूल, पटना से हुई। ये तब क्या था, अब क्या है जो जानते हैं वही समझेंगे! शास्त्रीनगर आवासीय कॉलोनी का हाल ही देख लीजिए, रोना आ जाएगा! 1970 में यह चकाचक कॉलोनी थी।'

बाबा ई बताइए, आप चुनाव लड़ने निकले हैं तो कुर्ता-पायजामा काहे नहीं धारण किए? आप अभी सफेद शर्ट, सफेद पैंट और सफेद स्पोर्ट्स शूज में घूम रहे हैं?

जोर से बोले, ‘नेता का ढोंग मैं नहीं करता, मैं समाज का आदमी हूं। जिद्दी होना मेरी पहचान है इसलिए घर से निकल पड़ा हूं।’ काफी देर से ई सब सुनते पान दुकानदार त्रिभुवन सिन्हा भी बोल ही पड़े...‘राजनीति हम खूब समझते हैं। हमको मालूम था भाजपा नीतीश के साथ गेम करेगी। देखे, हो गया ना गेम।’ कहते हैं पांच साल में दीघा में क्या काम हुआ है, सामने देख लीजिए। अंदर की सब सड़क ही कंडम है। पान के पत्ते में चूना-कत्था का तालमेल बनाते हुए बोले- ‘चलिए छोड़िए, नीतीश कुमार अब का करेंगे यही बता दीजिए...।’ कहते हैं नीतीश कुमार को कम मत बूझिए। फिर राजद के साथ जा सकते हैं...। यह एक तरह से बातचीत खत्म करने का संकेत भी है...दुकान पर ग्राहक जो बढ़ चुके हैं।



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Bihar Election 2020; Patna Locals Political Debate On Nitish Kumar RJD BJP NDA


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