शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

कोरोना के एक तिहाई मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर, भ्रम इसका प्रमुख लक्षण

कोरोना का असर इससे संक्रमित मरीजों की मानसिक स्थिति पर भी पड़ रहा है। यह बात कोरोना और मानसिक लक्षण पर हुए अमेरिका के सबसे बड़े रिसर्च में निकल कर सामने आई है। एन्नल्स ऑफ क्लिनिकल एंड ट्रांसलेशनल न्यूरोलॉजी में छपे रिसर्च के मुताबिक कोरोना संक्रमित एक तिहाई मरीजों के सोचने-समझने की शक्ति पर किसी न किसी रूप में असर पड़ रहा है।

इसमें भ्रमित होना, किसी बात का तुरंत जवाब न दे पाना, तंत्रिका संबंधी कार्यों का धीमा पड़ जाना जैसे लक्षण शामिल हैं। शोध में अमेरिका के शिकागो के शुरुआती 509 मरीजों की मानसिक स्थिति का अध्ययन किया गया है। ये मरीज आसपास के 10 अस्पतालों में 5 मार्च से 6 अप्रैल के बीच भर्ती रहे हैं।

यह रिसर्च इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इन मरीजों में जिस प्रकार की मानसिक समस्या आ रही है वो लंबी अवधि में सेहत के लिए ठीक नहीं है। ऐसे लोगों की मौत की आशंका सामान्य मरीजों की तुलना में सात गुना बढ़ जाती है। ये मरीज मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण रोजाना के सामान्य कार्यों को करने में भी दूसरों की मदद पर निर्भर हो जाते हैं।

इस तरह समझिए मानसिक स्वास्थ्य और उससे जुड़ी समस्याओं को

  • 2017 तक लगभग 14% भारतीय किसी न किसी प्रकार के मानसिक विकार से ग्रसित थे। इनमें भी बड़ा हिस्सा बुजुर्ग महिलाओं का है।
  • अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के अनुसार 1990 से 2017 के बीच कुल बीमारियों में मानसिक रोगों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। महिलाओं में 18 से 25 वर्ष के बीच इस तरह की बीमारी होने की आशंका सबसे ज्यादा है।
  • डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्युअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर के पांचवें संस्करण में लगभग 300 प्रकार के मानसिक विकारों की पहचान की गई है।
  • 97 करोड़ लोग दुनिया भर में मानसिक बीमारियों से ग्रसित हैं।
  • 60% लोगों का मानना है कि मानसिक बीमारी अनुशासन और इच्छा शक्ति की कमी के कारण हो रही हैं।

ये 5 आदतें फायदेमंद

एक्सरसाइज: हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसार शारीरिक एक्टिविटी से एन्डॉर्फिन हार्मोन्स का स्राव होता है। इससे मूड अच्छा होता है।

बात करिए: स्वयं की भावनाओं के बारे में बात करने से मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता मिलती है। खासकर संकट के समय।

नि:संकोच सहायता मांगें: जब यह महसूस हो कि चीजें योजना के अनुसार नहीं हो रही हैं। खुद को परेशान महसूस करें तब सहायता मांगने से न हिचकें।

अच्छी डाइट: शरीर के अन्य अंगों की तरह मस्तिष्क को भी स्वस्थ रहने और अच्छी तरह काम करने के लिए अच्छी डाइट की जरूरत होती है।

संपर्क में रहिए: लोगों से मेलजोल जारी रखें। यदि संभव न हो तो फोन कॉल ही कर लें। लोगों से संचार बनाए रखें। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।



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Impact on mental health of one-third of corona patients, confusion leading symptoms


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