सरकार ये मान रही है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना के 29 लाख मामले टल गए और 78 हजार लोगों की जान बच गई। स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेन्टेशन मिनिस्ट्री के सेक्रेटरीप्रवीण श्रीवास्तव ने अलग-अलग स्टैटिस्टिकल मॉडल्स के अनुमानों के आधार पर ये आंकड़े बताए। ये लॉकडाउन के पहले दो फेज में हुए फायदे का अनुमान है।
बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप का अनुमान : 2 लाख लोगों की जान बची
श्रीवास्तव ने अलग-अलग आंकड़े भी बताए। बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप का अनुमान है कि लॉकडाउन से कोरोना के 36 लाख से 70 लाख तक केस टल गए और 1.2 लाख से 2.1 लाख जिंदगियां बच गईं। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक 78 हजार लोगों की जान बची। दो स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि 23 लाख केस टले और 68 हजार मौतें टल गईं। कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि लॉकडाउन से कोरोना के 15 लाख मामले टले और 51 हजार लोगों की जिंदगी बचीं।इनमें से ज्यादातर अनुमान मुनासिब हैं।
'कोरोना के 80% एक्टिव केस 5 राज्यों में'
श्रीवास्तव ने कहा कि इस बात कापूरा भरोसा है कि लॉकडाउन नहीं होता तो जितना फायदा हुआ, वह नुकसान में बदल जाता। कोरोना पर सरकार के एम्पावर्ड ग्रुप-1 के चेयरमैन वी के पॉल के मुताबिक, कोरोना के 80% एक्टिव केस 5 राज्यों में हैं जबकि 60% एक्टिव केस 5 शहरों में हैं। लॉकडाउन ने इन्फेक्शन की रफ्तार रोकी है, 3 अप्रैल से कोरोना के मामलों में तेज गिरावट आई।
लॉकडाउन का चौथा फेज 31 मई तक
प्रधानमंत्री ने 25 मार्च से लॉकडाउन के पहले फेज का ऐलान किया था। इसे तीन बार बढ़ाया जा चुका है। अभी लॉकडाउन का चौथा फेज चल रहा है जो 31 मई तक रहेगा। चौथे फेज में कई छूट दी गई हैं। सोमवार से घरेलू हवाई सफर और एक जून से ट्रेनें भी शुरू हो जाएगा। अभी स्पेशल फ्लाइट और ट्रेनें ही चल रही हैं।
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