शनिवार, 23 मई 2020

पानी और जूस पीकर दिन काटे, लौटने को सैकड़ों ईमेल किए, फ्लाइट निकलने से आधे घंटे पहले मिली एक सीट

भावना उन महिलाओं में शामिल हैं जो पिछले करीब 50 दिनों से सऊदी में फंसी थीं। वह अकेली थीं और लॉकडाउन लगने के बाद उन्हें अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में पता चला। तबीयत अचानक खराब हो गई और चुनौतियां यूं ही कम नहीं थीं। भावना के संघर्ष की कहानी उन्हीं की जुबानी -

मेरा नाम भावना डूबेर है। मैं सऊदी अरब एयरलाइंस में क्रू मेम्बर की नौकरी करती थी। 18 अप्रैल को भारत आने वाली थी। मेरा रिजर्वेशन भी हो चुका था।

लेकिन 14 अप्रैल को मुझे एकदम से पता चलता है कि लॉकडाउन हो चुका है और अब कोई फ्लाइट सऊदी अरब से नहीं उड़ेगी।

अभी भावना हैदराबाद के होटल में 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन हैं।

एक हफ्ते बाद ही मेरी तबीयत बहुत खराब हो गई। 27 अप्रैल को पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूं। इसके बाद मेरा तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया।

लॉकडाउन लगने के बाद सऊदी अरब में सब बंद हो चुका था। न जांच के लिए डॉक्टर थे। न कोई मदद के लिए था। मेरी एक सर्जरी पहले से प्लान थी, जो मैं भारत आकर करवाने वाली थी लेकिन भारत आ ही नहीं पाई।

मेरी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई। वहां बमुश्किल एक डॉक्टर मिला, उन्हें दिखाया तो बोले कि पेट में बच्चे का दिल नहीं धड़क रहा है। बोले, शायद कोई गलत दवा लेने के चलते ऐसा हुआ।

हालत ज्यादा खराब होने पर मेरी एक दोस्त मुझे एक दूसरे डॉक्टर के पास लेकर गई। उन्होंने बताया कि बच्चे का दिल धड़क रहा है और वो ठीक है, लेकिन जो जरूरी जांच पहले तीन माह में होना चाहिए वो नहीं हो पाई हैं।

इसके बाद तो मैं पूरी तरह से टूट चुकी थी। दिन रात भारतीय दूतावास में कॉल करते रहती थी। मेरे पति दुबई में हैं। वो भी बहुत परेशान थे। मैंने सैकड़ों ईमेल किए। तमाम लोगों को ट्वीट किए लेकिन कुछ नहीं हो रहा था।

वहां मेरी मदद के लिए कोई नहीं था। हर छोटे बड़े काम खुद करना होते थे। कुछ दिन तो टेंशन में सिर्फ पानी और जूस पीकर निकाले।

50 दिनों से सऊदी में फंसे यात्रियों को फ्लाइट में बैठते ही सुकून मिला।

फिर हमें पता चला कि 20 मई को एयर इंडिया की फ्लाइट जेद्दा से हैदराबाद के लिए प्लान हुई है। मैंने पूरी कोशिश की लेकिन मुझे आखिरी वक्त तक रिजर्वेशन ही नहीं मिला।
उन्होंने कहा सभी सीटें फुल हो गई हैं। मैं अपनी दोस्त माधुरी के साथ एयर इंडिया के बुकिंग ऑफिस गई। वहां बहुत मिन्नतें की। उन्होंने दो घंटे बिठाकर रखा फिर कह दिया कि कुछ नहीं हो पाएगा।

सऊदी में फंसे भारतीय कई दिनों से सरकार से गुजारिश कर रहे थे कि उन्हें निकाला जाए।

फिर दोपहर 2.15 बजे मेरे पास कॉल आता है कि एक सीट अरेंज हुई है, हमारा ऑफिस 3 बजे तक खुला है, उसके पहले आकर टिकट ले सकते हैं।

यह सुनते ही मेरी जान में जान आई। हमने सऊदी से हैदराबाद आने के लिए दोगुने से भी ज्यादा किराया दिया है। सामान्य दिनों में किराया 13 से 14 हजार लगता है, लेकिन अभी करीब 42 हजार रुपए चुकाए हैं।

यही नहीं लौटने का एक्सपीरियंस बहुत खराब रहा। जेद्दा में एक-दो किलो लगेज ज्यादा होने पर भी उनसे चार्ज लिया गया और प्रेग्नेंट महिलाओं को खुद ही अपना लगेज उठाकर ले जाना पड़ा। एयर इंडिया के एक कर्मचारी ने गलत व्यवहार भी किया।

17 से ज्यादा प्रेग्नेंट महिलाएं फंसी थीं, अभी सब क्वारैंटाइन में

सऊदी में करीब 20 ऐसी भारतीय महिलाएं फंसी थीं, जो प्रेग्नेंट थीं। यह 20 मई को फ्लाइट से भारत आई हैं। फ्लाइट पहले विजयवाड़ा में रुकी थी, वहां कुछ यात्री उतरे। बाकी यात्री हैदराबाद में उतरे।
हैदराबाद के ही एक होटल में इन यात्रियों को 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया गया है। यहां करीब 17 प्रेग्नेंट महिलाएं ठहरी हैं। जबकि तीन विजयवाड़ा में ही उतर गई थीं।

करीब 17 प्रेग्नेंट महिलाएं होटल में क्वारैंटाइन में हैं।

इकॉनमी होटल में ठहरने के 14 दिनों के 15 हजार रुपए प्रति व्यक्ति लिए गए हैं। इसमें ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर शामिल है।



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Saudi Arabia India | Hyderabad Coronavirus News Updates; Pregnant Woman Returned To India From Saudi Arabia Jeddah Via Air India Flight


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