25 मार्च से जब देश में लॉकडाउन शुरू हुआ तो देशभर में कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स पर भी काम रुक गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जब 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषणाएं कीं तो उसमें रियल एस्टेट डेवलपर्स को भी बड़ी राहत का ऐलान किया। जो प्रोजेक्ट्स 25 मार्च को या उसके बाद पूरे होने थे, उन्हें 6 महीने की मोहलत दी गई है। आइए जानते हैं कि आखिर घोषणा से फायदा किसे है, कितना है, कब मिलेगा और कैसे मिलेगा..
फायदा किसे?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रियल एस्टेट डेवलपर्स को प्रोजेक्ट पूरा होने की डेडलाइन में 6 महीने की मोहलत देकर राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने यह फैसला कोरोनावायरस महामारी के चलते लिया है। इस फैसले का फायदा उन सभी डेवलपर्स को होगा, जिनके प्रोजेक्ट की कम्पलीशन डेट 25 मार्च, 2020 को या उसके बाद समाप्त होने वाली है, उनका रजिस्ट्रेशन और कम्पलीशन डेट 6 महीने तक बढ़ाई जाए। जरूरत पड़ने पर इसे 3 महीने के लिए और आगे बढ़ाया जा सकता है।
कितना फायदा?
वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम रियल एस्टेट डेवलपर्स का तनाव कम करेगा। इससे प्रोजेक्ट पूरे होंगे और नई टाइमलाइन के साथ घर खरीदारों को घर मिल सकेगा। कोविड के असर के चलते प्रोजेक्ट अटक गए थे और रेरा की टाइमलाइन के उल्लंघन का संकट डेवलपर्स के सामने खड़ा हो गया था। टाइमलाइन बढ़ाए जाने की जरूरत थी।
कब तक मिलेगा?
मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग और अर्बन अफेयर्स राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और रेगुलेटरी अथॉरिटी को सलाह देगी। रेगुलेटरी अथॉरिटी प्रोजेक्ट पूरा होने की डेडलाइन को 6 महीने बढ़ा सकती हैं। अगर रेगुलेटरी अथॉरिटी को जरूरी लगता है तो वे कम्प्लीशन की टाइमलाइन को तीन और महीने के लिए बढ़ा सकते हैं। टाइमलाइन बढ़ने के बाद अपने आप ही रियल एस्टेट प्रोजेेक्ट्स को नया प्रोजेक्ट कम्प्लीशन सर्टिफिकेट मिल जाएगा। किसी को भी इसके लिए अलग से एप्लीकेशन देने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए केंद्र राज्यों को एडवाइजरी जारी करेगा।एक्सपर्ट का क्या कहना है?
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि डेवलपर्स कम्युनिटी के लिए यह एक अहम घोषणा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री जल्द ही लिक्विडिटी बढ़ाने, सीमेंट के दामों के डिकार्टेलाइजेशन, सप्लाई चेन को दोबार शुरू करने, होमबायर्स के लिए घोषणाएं करके डिमांड को बढ़ाने जैसे कदम उठाएंगी। इन कदमों से देश के दूसरे सबसे बड़े कामगारों वाले इस समूह को दोबारा रफ्तार पकड़ने में मदद मिलेगी।
इस घोषणा की जरूरत क्यों पड़ी?
25 मार्च से देश में लॉकडाउन शुरू हुआ। तब रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में भी काम बंद हो गया। 15 अप्रैल को सरकार ने कोरोना के नॉन हॉटस्पॉट जोन में कंस्ट्रक्शन की इजाजत दी, लेकिन उन्हीं प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो पाया, जहां मजदूर मौजूद थे। इससे बहुत सारे डेवलपर्स के प्रोजेक्ट अटक गए और रेरा के तहत दी गई डेडलाइन के उल्लंघन का खतरा पैदा हो गया।
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2# 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में अब केवल 7 लाख करोड़ रुपए के ब्रेकअप की घोषणा
3# 15 हजार से कम सैलरी वालों का EPF देगी सरकार
4# बिजली कंपनियों को सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया
5# चिदंबरम ने कहा- वित्तमंत्री के भाषण में गरीबों और प्रवासी मजदूरों के लिए कुछ नहीं हैै
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