सोमवार, 22 जून 2020

पिता बोले- फादर्स डे का सबसे अच्छा तोहफा, यही मेरी अब तक की पूंजी है; बेटी बोली- हार न मानना आपसे सीखा

मध्यप्रदेश के नीमच में चाय की गुमटी लगाने वाले सुरेश गंगवाल की बेटी 23 साल की आंचल हैदराबाद में एयरफोर्स ट्रेनिंग एकेडमी में एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के सामने शनिवार को जब मार्च पास्ट कर रही थीं, तो उनकी आंखें छलक आईं। इसी दिन 123 कैडेट्स के साथ आंचल गंगवाल की एयरफोर्स में कमिशनिंग हो गई।

पिता सुरेश गर्व भरी मुस्कान लिए कहते हैं,‘फादर्स डे पर पिता के लिए इससे अच्छा और क्या तोहफा हो सकता है। मेरी जिंदगी में खुशी के कम अवसर आए हैं, लेकिन कभी न हार मानने वाली बेटी ने यह साबित कर दिया कि मेरे हर संघर्ष के पसीने की बूंदें किसी मोती से कम नहीं।’

मुसीबतों से नहीं घबराने का सबक अपने पिता से सीखा हैः आंचल

वहीं, आंचल ने कहा,‘मुसीबतों से नहीं घबराने का सबक उन्होंने अपने पिता से सीखा है। आर्थिक परेशानियां जीवन में आती हैं, लेकिन मुश्किलों का मुकाबला करने का हौसला होना जरूरी है।’ भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में चयनित आंचल का कहना है कि एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए मैंने पुलिस सब इंस्पेक्टर और लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी भी छोड़ दी। सिर्फ एक लक्ष्य था- हर हाल में वायुसेना में जाना है। आखिरकार छठवें प्रयास में मुझे सफलता मिल ही गई।

तीनों बच्चे शुरू से अनुशासन में रहेंः आंचल के पिता

आंचल के पिता ने कहा, ‘मेरे तीनों बच्चे शुरू से अनुशासन में रहे। मैं पत्नी के साथ बस स्टैंड पर चाय-नाश्ते का ठेला लगाता हूं। जब मैं काम करता तो तीनों बच्चे हमें देखते रहते थे। कभी कुछ फरमाइश नहीं की। जो मिल जाता, उसमें संतुष्ट रहते। कभी दूसरों की देखा-देखी नहीं की।

रविवार को बेटी आंचल ने हैदराबाद में वायुसेना के सेंटर पर फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर ज्वाइनकर लिया, यही मेरी अब तक की पूंजी और बचत है।बेटी शुरू से ही पढ़ाई में टॉपर रही है। बोर्ड परीक्षा में 92% से अधिक अंक प्राप्त किए। 2013 में उत्तराखंड में आई त्रासदी और वायुसेना ने वहां जिस तरह का काम किया, यह देख बेटी आंचल ने अपना मन बदला और वायुसेना में जाने की तैयारी की। आज बेटी इस मुकाम पर पहुंच गई। यह मेरे लिए गौरव की बात है।’

आंचल बोली- मातृभूमि की सेवा के लिए हमेशा तैयार हूं

आंचल मां बबीता और पिता सुरेश गंगवाल के संघर्ष को अपनी कामयाबी का श्रेय देते हुए कहती हैं,‘जब मैंने अपने माता-पिता से कहा कि मैं डिफेन्स सर्विस में जाना चाहती हूं, तो वे थोड़े चिंतित थे। लेकिन उन्होंने कभी मुझे रोकने की कोशिश नहीं की। वास्तव में, वे हमेशा मेरे जीवन के आधार स्तंभ रहे हैं। मैं अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए हमेशा तैयार हूं और इसे ऐसा करने के अवसर के रूप में देखती हूं।’



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में चयनित आंचल गंगवाल का कहना है कि सिर्फ एक ही लक्ष्य था कि वायुसेना में जाना है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3fPwGYt
https://ift.tt/2Njxf0w

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post