(एंड्रयू केह) अमेरिका में स्पोर्ट्स लीग शुरू होने से सभी को उम्मीद थी कि चीजें धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में खिलाड़ियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद खेल की वापसी पर असर पड़ रहा है। अमेरिका में पहले से ही पॉजिटिव मामले बढ़ रहे थे। अब खेल शुरू होने से खिलाड़ियों और स्टाफ के पॉजिटिव होने की संख्या बढ़ रही है।
खिलाड़ियों के पॉजिटिव आने के बाद इनके आयोजन पर संशय की स्थिति है। मेजर लीग सॉकर (एमएलएस) 8 जुलाई से शुरू हो चुकी है जबकि एनबीए 22 जुलाई, मेजर लीग बेसबॉल 24 जुलाई और नेशनल हॉकी लीग 1 अगस्त से शुरू होनी है। नेशनल हॉकी लीग (एनएचएल) ने घोषणा की कि क्लब की सुविधाओं का उपयोग करने वाले 396 खिलाड़ियों का टेस्ट हुआ, जिसमें से 23 पॉजिटिव पाए गए।
एनबीए में एक हफ्ते में 25 खिलाड़ी और 10 स्टाफ पॉजिटिव हुए
पिछले हफ्ते एनबीए ने घोषणा की कि 23 से 29 जून के बीच 351 खिलाड़ियों के टेस्ट हुए, जिसमें से 25 पॉजिटिव रहे। इसी एक हफ्ते के दौरान 884 स्टाफ का टेस्ट हुआ, जिसमें से 10 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मेजर लीग बेसबॉल ने 3748 लोगों के सेंपल लिए थे।
इसमें से 58 खिलाड़ी और 8 सपोर्ट स्टाफ का टेस्ट पॉजिटिव आया। लेकिन, एनबीए के हाल के टेस्टिंग नंबर के अनुसार, खिलाड़ियों और स्टाफ मेंबर के बीच पॉजिटिव टेस्ट रेट में काफी अंतर है। एनबीए में टेस्ट रेट 7.1 फीसदी है जबकि स्टाफ में 1.1 फीसदी। एमोरी यूनिवर्सिटी के एक महामारी विशेषज्ञ जाचरी बिने बताते हैं, ‘इसका मतलब है कि खिलाड़ी के व्यवहार में कुछ अंतर है, जो उन्हें स्टाफ से ज्यादा बार बीमार कर रहा है।’
लीग के कारण खिलाड़ियों पर तैयारी का दबाव
एक्सपर्ट्स के अनुसार, एनएचएल में पॉजिटिव टेस्ट रेट 5.8 फीसदी है। यह सामान्य जनसंख्या के पॉजिटिव टेस्ट रेट से ज्यादा है। वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम शेफनर कहते हैं, ‘एनएचएल के खिलाड़ी काफी एनर्जेटिक हैं। वे सोशल एक्टिविटीज में हिस्सा नहीं लेते। लेकिन सारा दोष खिलाड़ियों को नहीं दिया जा सकता।
लीग शुरू होने के कारण उन पर बाहर निकलकर तैयारी करने का दबाव है। यह उनके काम का हिस्सा है कि उन्हें जिम जाना पड़ रहा है, वर्कआउट करना पड़ रहा है। टूर्नामेंट की तैयारी करनी पड़ रही है।’ मेजर लीग सॉकर (एमएलएस) और एनबीए दोनों की टीमें फ्लोरिडा के डिज्नी वर्ल्ड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हैं।
अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत: एक्सपर्ट्स
बिने ने कहा, ‘कोरोनावायरस 5 दिन से लेकर दो हफ्ते तक रहता है। ऐसे में छोटी अवधि में टेस्टिंग कर हम इसे नहीं पकड़ सकते। इसलिए लीग शुरू होने से पहले कई बार टेस्ट करना चाहिए, ताकि वायरस फैल न सके।’ संक्रामक रोगों की विशेषज्ञ ब्रियाना फर्च ने कहा, ‘खिलाड़ियों को एक्सरसाइज करते समय लगातार सावधानी बरतनी चाहिए।
उन्हें मास्क पहनना चाहिए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए, जहां तक संभव हो सतह साफ करते रहने चाहिए। तभी वे बच सकते हैं।‘ बिने ने कहा, ‘24 से 48 घंटे में लगातार टेस्ट करने होंगे। हालात इतने खराब हैं कि खिलाड़ियों का बार-बार टेस्ट करना होगा। इसके बावजूद उनके संक्रमित होने की आशंका बनी रहेगी।’
- न्यूयॉर्क टाइम्स से अनुबंध के तहत
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