बुधवार, 15 जुलाई 2020

पढ़ाई यानी हर रोज पहाड़ की चढ़ाई, फिर भी कई बार नेटवर्क नहीं मिलने से छूट जाती है ऑनलाइन क्लास

कोरोनाके चलते स्कूल बंद हैं। ऐसे में कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास शुरू की है। राजस्थान के बाड़मेर जिलेके निकटवर्ती दरुड़ा गांव के भीलों की बस्ती निवासी छात्र हरीश कुमार के लिए ऑनलाइन क्लास परेशानी का सबब बन गई है। इसकी वजह गांव में नेटवर्क नहीं होना है। जवाहर नवोदय विद्यालय का विद्यार्थी होने के कारण क्लास अटेंड करना जरूरी है। उसे घर के पास स्थित पहाड़ी की चोटी के ऊपर टेबल कुर्सी लगाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। हरीश के पिता वीरमदेव बताते हैं कि डेढ़ माह से सुबह 8 बजे हरीश पहाड़ पर चढ़ता है और क्लास खत्म होने के बाद 2 बजे घर लौटता है।

लॉकडाउन में हुईचारे की कमी तो जुटा गांव

लॉकडाउन में हरी घास व चारे की आवक रुकने से जोधपुर के रायमलवाड़ा गांव और गोशाला की 450 बेसहारा गायसंकट में आ गईं थीं। तब तो जैसे-तैसे चारे का इंतजाम किया गया था। अब मानसून में ग्रामीणों ने तय किया कि वे 1200 बीघा की गोचर भूमि पर जुताई करेंगे। सेवण घास उगाएंगे। इस उद्देश्य के साथ 4 लाख रुपएजुटाकर गोचर भूमि से बबूल व झाड़ियां हटाईं। मंगलवार सुबह किसान 50 ट्रैक्टरों के साथ जुटे और 6 घंटे में 250 बीघा भूमि को जोत दिया।

बारिश:1265 क्विंटल गेहूं सड़ा, इससे 1000 लोगों का दो महीने तक भर सकता था पेट

फोटो मध्यप्रदेश केआदिम जाति सेवा सहकारी समिति कानवन का है। यहां 1265 क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा होने के कारण सड़ गया। शाखा प्रबंधक ओमप्रकाश चौहान ने बताया किगेहूं का समय पर परिवहन नहीं हुआ। प्री-मानसून की बारिश में यह भीग गया था। हमने तिरपाल ढक कर गेहूं काे बचाने का पूरा प्रयास किया था। इधर कोरोना काल में लोगों को खाना पहुंचाने वाली संस्था जय हो के अध्यक्ष डॉ. अशोक शास्त्री ने बताया इतने गेहूं से एक हजार लोगों का 2 महीने तक पेट भर सकता था।

फरयानी नदी के उफान से गांव में बाढ़ जैसे हालात

बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड क्षेत्र कोशकापुर दक्षिण पंचायत में फरयानी नदी के उफान से गांव में बाढ़ जैसे हालात हैं। जगह-जगह पुल-पुलिया के अभाव में ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर आ जा रहेहैं।स्थानीय युवाओं ने आत्म निर्भर होते हुए विशेष अभियान चलाया है। ग्रामीणों व युवा संघ के सदस्यों के सहयोग से बाढ़ की हालत जैसे पैदा हुए संकट की घड़ी में दो दिनों के दौरान दो अलग-अलग सड़क के मुहाने पर बांस के पुल का निर्माण कराया गया है। दर्जनों युवाओं ने आपस में चंदा इकट्ठा कर दोपुल आने-जानेके लिए तैयार किएहैं।

बच्चन परिवार के स्वास्थ्य की कामना की

फोटो देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की है।सोमवार को यहां इन कलाकारों ने कोरोनावायरस का इलाज करा रहे अभिनेता अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक, बहू ऐश्वर्या और पोती आराध्या की पेंटिंग तैयार कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

शो के जरिए लोगों को किया जागरूक

महाराष्ट्र के सोलापुर में आर्टिस्ट सचिन खरात ने सोमवार को अपने ग्रुप के कलाकारों के साथ एक शो के जरिए लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने को कहा।

लोग तो पहले ही बेघर हो चुके, पक्षियों के भी हाल बेहाल

सरदार सरोवर बांध के कारण नर्मदाघाटी के लोग पहले ही बेघर हो चुके हैं। अब पक्षियों को भी ठिकाना तलाशना पड़ रहा है। जिस तरह से नर्मदाघाटी के लोग अपने अच्छे मकान छोड़कर झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। ठीक उसी तरह पेड़ सूखने के बाद पक्षी भी इन्हें छोड़ने कोमजबूर हैं। राजघाट नर्मदा किनारे लगे अधिकांश पेड़ सूख चुके हैं। अब इन पर मजबूत घोंसले नहीं बन पा रहे हैं।

सड़क नहीं: बारिश के दिनों में हो जाती है आवाजाही बंद

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ तहसील के गांव रेसी में आजादी के बाद से अब तक सड़क ही नहीं बनी है। ग्राम पंचायत सांका के अंतर्गत आने वालेइस गांव को जोड़ने वाले मार्ग का अभी तक निर्माण ही नहीं हो सका है।सड़क नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में आवाजाही बंद ही हो जाती है।हालातयह हैं कि बारिश के दिनों में किसी की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ जाए तो गांव से शहर तक लाने के लिए बहुत मुश्किल भरे हालात से गुजरना पड़ता है।

मानसून सक्रिय : 75 शहर भीगे, 21 तक ऐसी ही बारिश

डिंडोरी में नर्मदा सहित सहायक नदियां उफान पर हैं। बोंदर की करमंडल नदी में बाढ़ की वजह से जबलपुर से अमरकंटक जाने वाले हाईवे मार्ग के पुल पर दो से तीन फीट तक पानी चढ़ गया, करीब दो घंटे तक दोनों तरफ से आवाजाही रुक गई थी।

20 घंटे में 3.5 इंच से अधिक बारिश

सूरतमें सोमवार रात 10 बजे से मंगलवार शाम 6 बजे तक 92 मिमी बारिश हुई। यह पिछले साल अब तक हुई बारिश से 20 मिमी ज्यादा है। पिछले साल 14 जुलाई तक 363 मिमी बारिश हुई थी, जबकि इस साल अब तक 383 मिमी बारिश हो चुकी है। 20 घंटे में हुई 3.5 इंच बारिश से शहर के कई निचले क्षेत्रों में पानी भर गया। कई जगह यातायात प्रभावित हुआ।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Studying means climbing the mountain every day, yet many times missed online class due to lack of network


from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/studying-means-climbing-the-mountain-every-day-yet-many-times-missed-online-class-due-to-lack-of-network-127514681.html
https://ift.tt/2ZqUJaC

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post