कोरोनावायरस महामारी के कारण बंद हुए दफ्तर कई जगहों पर दोबारा शुरू हो गए हैं। हालांकि, अभी तक कोरोना का खतरा टला नहीं है। ऐसे में ऑफिस या काम करने वाली जगह पर हमें इस वायरस से बचने के लिए सुरक्षा के उपाय करना बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपने ऑफिस जाना शुरू कर दिया है तो सबसे पहले मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें। इसके अलावा सतहों को टच करने को लेकर भी अलर्ट रहें।
वर्कप्लेस पर कोविड 19 से बचने के 5तरीके-
1. साफ-सफाई का ध्यान
वर्कप्लेस की सफाई सुनिश्चित करें। डेस्क, टेबल, फोन, कीबोर्ड जैसी सतहों को रोज साफ किया जाना चाहिए। क्योंकि गंदी सतहों से भी वायरस फैलने का खतरा बना रहता है। कर्मचारी भी दफ्तर में किसी सतह को टच करने को लेकर अलर्ट रहें। अगर किसी सतह को छू रहे हैं तो बगैर हाथ धोए चेहरे पर न लगाएं।
2. कर्मचारी भी खुद को रखें साफ
कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच सफाई का प्रचार करें। ऑफिस में जरूरी जगहों पर हैंड सैनिटाइजर्स की व्यवस्था करें और इन्हें समय-समय पर रीफिल करते रहें। ऑफिस में हैंड वॉशिंग के पोस्टर्स लगाएं। ऑफिस में काम करने वाले हर एक व्यक्ति के लिए हैंड सैनिटाइजेशन जरूरी कर दें। क्योंकि हाथ धोने से आपके हाथों पर मौजूद वायरस खत्म हो जाएगा।
3. सांस लेने में सावधानी बरतें
दफ्तर में सर्दी-जुकाम से जूझ रहे कर्मचारियों को मास्क और पेपर टिश्यू मुहैया कराएं। इसके साथ ही उनके पास डस्टबिन रखें, ताकि वो टिश्यू और मास्क को सावधानी से डिस्पोज कर दें। दफ्तर में रेस्पिरेटरी हाइजीन के पोस्टर लगाएं और प्रचार करें।
4. ट्रैवल करने से पहले सलाह लें
अगर ऑफिस के कर्मचारी किसी जरूरी काम से बाहर ट्रैवल करते हैं तो उन्हें पहले एक्सपर्ट्स से सलाह लेनी चाहिए। अगर इलाके में संक्रमण ज्यादा है तो वहां जाने से बचें।
5. अगर थोड़ा भी बीमार महसूस कर रहे हैं तो घर पर रहें
अगर आपके इलाके में कोरोनावायरस फैल रहा है और कोई कर्मचारी हल्की कफ या बुखार महसूस कर रहा है तो उन्हें घर पर रहने के लिए कहें। दफ्तर में भी इस मैसेज का प्रचार करें कि अगर किसी को लक्षण नजर आ रहे हैं तो वो घर पर ही रहे।
मीटिंग्स और इवेंट्स में कोविड 19 रिस्क को कैसे मैनेज करें
दफ्तर या किसी और जगह पर आयोजित की गई मीटिंग में हो सकता है कि कोई मरीज पहुंच जाए। इससे दूसरे कर्मचारी भी संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, कोविड 19 कई लोगों के लिए हल्की बीमारी है, लेकिन हर 5 में से 1 मरीज को अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ती है।
मीटिंग से पहले क्या करें?
- किसी भी जगह पर मीटिंग या इवेंट आयोजित करने से पहले स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह लें। इसके अलावा अगर हो सके तो फेस टू फेस मीटिंग के बजाए टेली कॉन्फ्रेंस को चुनें।
- अगर मीटिंग या इवेंट का आयोजन जरूरी है, तो कम से कम लोगों को बुलाने के बारे में विचार करें। इससे लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने में भी आसानी होगी।
- मीटिंग या इवेंट से शामिल होने वाले लोगों के लिए पहले ही मास्क, सैनिटाइजर और टिश्यू जैसे चीजों का इंतजाम कर लें।
- मीटिंग या इवेंट में शामिल होने से पहले ही लोगों को सलाह दें कि अगर वे बीमार महसूस कर रहे हैं तो उन्हें वहां नहीं आना चाहिए।
- इवेंट में शामिल होने वाले ऑर्गेनाइजर, केटरर्स और सभी लोगों के कॉन्टैक्ट नंबर ले लें। इससे इवेंट में अगर कोई बीमार मिलता है तो अधिकारियों को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में आसानी होगी। अगर कोई कॉन्टैक्ट डिटेल्स देने से मना करता है तो इवेंट में शामिल न हों।
- अगर कोई मीटिंग में पहुंचने के बाद बीमार हो गया और खांसी, बुखार जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे सुरक्षित तरीके से आइसोलेट कर दें।
मीटिंग या इवेंट के दौरान
- शामिल होने वाले सभी लोगों को लिखित और मौखिक तौर पर सुरक्षा के लिए की गई सभी तैयारियों के बारे में बता दें।
- मीटिंग या इवेंट में शामिल होने वालों को बार-बार हाथ सैनिटाइज या वॉश करने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके अलावा किसी भी चीज को न छूने की सलाह दें।
- मीटिंग या इवेंट के दौरान सभी को अपने फेस कवर करने के लिए कहें। हॉल में ही मास्क और टिश्यू की व्यवस्था करें। इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो सेफ डिस्पोज के लिए डस्टबिन लगाएं।
- अगर हो सके तो हॉल में शामिल होने वाले लोगों की कुर्सियों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी रखें। इस दौरान खिड़की और दरवाजे बेहतर वेंटिलेशन के लिए खोल दें।
मीटिंग के बाद
- शामिल होने वाले सभी लोगों के कॉन्टैक्ट डिटेल्स अपने पास कम से कम एक महीने तक रखें। इससे स्वास्थ अधिकारी किसी व्यक्ति के बीमार मिलने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग आसानी से कर पाएंगे।
- अगर कोई मीटिंग के दौरान किसी व्यक्ति को आइसोलेट किया जाता है, तो शामिल होने वाले दूसरे लोगों से भी लक्षणों को 14 दिन तक मॉनिटर करने के लिए कहें।
- अगर किसी को भी हल्की खांसी या बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें घर पर रहना चाहिए और सेल्फ आइसोलेट होना चाहिए। इस दौरान घर के सदस्यों के साथ-साथ दूसरों से भी एक मीटर की दूरी बनाकर रखें।
कम्युनिटी में कोरोनावायरस की दस्तक हो चुकी है तो वर्क-प्लेस को ऐसे तैयार करें
- इस बात की तैयारी रखें कि अगर आप किसी जोखिम वाले व्यक्ति की पहचान कैसे करेंगे। इस दौरान ध्यान रखें कि कोई भेदभाव का शिकार न हो। अपने ऑर्गेनाइजेशन में टेली वर्किंग का प्रचार करें। कोरोनावायरस फैलने की स्थिति में स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट या भीड़ वाली जगहों पर नहीं जाने की सलाह देते हैं। टेली वर्किंग के जरिए कर्मचारी सुरक्षित रहकर काम कर सकेंगे।
- प्लान तैयार करें कि किसी मुसीबत के वक्त में भी दफ्तर का काम चलता रहे। इस प्लान में यह भी शामिल करें कि अगर दफ्तर में पाबंदियों और बीमारी के कारण कर्मचारी नहीं आ रहे हैं तो भी काम कैसे चलेगा।
- अपने कर्मचारी और वर्क-प्लेस से जुड़े जरूरी लोगों को अपने प्लान के बारे में पूरी जानकारी दें। इससे कर्मचारियों को पता होगा कि हालात बिगड़ने पर उन्हें क्या करना है। कर्मियों को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और बीमार महसूस होने पर आइसोलेट करने की जरूरत समझाएं।
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