देशभर में मानसून की सक्रियता का दौर अब 48 दिन की जगह 71 दिन का होगा। देश के मानसूनी कैलेंडर में यह नया नॉर्मल है। एक जून को मानसून केरल में दस्तक देने के बाद धीरे-धीरे देश में बढ़ेगा और आखिर में राजस्थान (पोखरण) पहुंचेगा।
15 जुलाई से एक सितंबर तक सक्रिय रहने वाला मानसून अब 8 जुलाई से 17 सितंबर तक पूरे देश में एक साथ सक्रिय होगा। इसकी विदाई भी अब 16 दिन की देरी से शुरू होगी। इसके साथ ही मानसून का नया कैलेंडर भी लागू होगा। नए कैलेंडर में केरल में मानसून के दस्तक देने की तारीख एक जून ही है।
हालांकि, इस बार विदाई के स्थान बदले हैं। अब ये इंफाल, कलिंगापट्टनम (आंध्र प्रदेश) व गंगावटी (कर्नाटक) होंगे, जहां दक्षिणी पश्चिमी मानसून की आखिरी बारिश होगी। इधर, भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस बार देश भर केे प्रमुख जलाशयों में जल भंडारण के प्रबंधन, नदियों के बैराज से पानी के प्रवाह और बिजली उत्पादन के प्रबंधन में मानसून की नई तारीखों से मदद मिलेगी।
बाड़मेर में 22 दिन ज्यादा, इंदौर में मानसून छोटा
पुणे स्थित क्लाइमेट रिसर्च विंग के प्रमुख विज्ञानी डॉ. डीएस पई ने बताया कि मानसून आगमन औरप्रस्थान की तारीखों में बदलाव किया गया है, जिससेकई शहरों में इसकी अवधि बढ़ी है तो कहीं 2-5 दिन घट भी गई है। बाड़मेर में मानसून अब 22 दिन ज्यादा और अहमदाबाद, इंदौर, अकोला औरपुरी आदि शहरों में थोड़ा छोटा होगा।
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