सोमवार, 18 मई 2020

लॉकडाउन के बाद स्क्रीनटाइम बढ़ने से आंख के मरीज बढ़े; घर से काम रहे कर्मी एसी में काम करने से बचें, हर 20 मिनट में पलक जरूर झपकाएं

भारत में सरकार ने भले ही लॉकडाउन की शुरुआत 24 मार्च से की हो, लेकिन निजी और सरकारी कंपनियों ने एहतियात बरतते हुए कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह पहले ही दे दी थी। इसके बाद करीब दो महीनों से घर से दफ्तरों के काम निपटा रहे लोग आंखों से संबंधित परेशानी का शिकार हो रहे हैं।

ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट डॉक्टर विनिता रमनानी बताती हैं किइस दौरान फोन पर सलाह लेने वालों में इजाफा हुआ है। आंखों की परेशानी से जूझ रहे लोग बड़ी संख्या में वॉट्सऐपमैसेज, फोटो और कॉल कर परामर्श ले रहे हैं। डॉक्टर रमनानी के मुताबिक, मरीज के बीच चिंता है कि वे बिना बाहर जाए भी आंखों में रेडनेस का शिकार हो रहे हैं।

रामकृष्ण परमार्थ फाउंडेशन मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर और डॉक्टर वसुधा डामले कहते हैं किलॉकडाउन के कारण मामले कम रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन आंखों की परेशानी से जूझ रहे लोगों की संख्या बढ़ी है। डॉक्टर डामले के अनुसार गर्मियों में ड्रायनेस के मामले ज्यादा सामने आते हैं और ज्यादा स्क्रीनटाइम भी इसका मुख्य कारण है। डॉक्टर गैरजरूरी स्क्रीनटाइम में कटौती करने की सलाह भी देती हैं। क्योंकि जितना ज्यादा स्क्रीनटाइम उतनी ज्यादा दिक्कत।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक येहैं मुख्य लक्षण

  • इरिटेशन: लगातार कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर काम या मूवी-गेम्स के कारण इरिटेशन की समस्या भी होती है। इस दौरान व्यक्ति को आंखों की मदद से कोई भी काम करने में असुविधा होती है। इसका कारण और भी कई बीमारियां हो सकती हैं।
  • ड्रायनेस: डॉक्टर्स बताते हैं कि गर्मियों में ड्रायनेस आम परेशानी है। ड्रायनेस का मुख्य कारण है आंख में तरल या लुब्रिकेंट की कमी होना। ड्रायनेस ज्यादा बढ़ने पर मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह लें। डॉक्टर रमनानी के अनुसार, इसका इलाज बेहद ही सामान्य है। उन्होंने बताया किडॉक्टर आपको ड्रॉप्स दे देंगे, जिसकी वजह से आंखें सूखेंगी नहीं।
  • रेडनेस: इस दौरान आपकी आंखों में रेडनेस और खुजली भी हो सकती है। हालांकि एलर्जी और इंफेक्शन जैसे कई कारणों के कारण आंखों में रेडनेस की परेशानी हो सकती है।
  • आंखों से पानी आना: आंखों में से पानी आने के कारण भी एलर्जी, इंफेक्शन, चोट हो सकते हैं। लगातार स्क्रीन पर काम करने के कारण आंखों से पानी आने की परेशानी हो सकती है।

काम के दौरान ऐसे रखें आंखों का ख्याल

  • बार-बार आंखें झपकाना: लगातार स्क्रीन के संपर्क में रहना खतरनाक हो सकता है। डॉक्टर रमनानी के मुताबिक, आमतौर पर हमारी आंखें एक मिनट में 18-20 बार झपकती हैं, लेकिन स्क्रीन पर काम करते वक्त यह संख्या कम हो जाती है। इससे बचने के लिए कुछ देर में काम रोककर आंखों को बार-बार तेज झपकाएं।
  • 20-20-20 रूल: डॉक्टर साधारण से 20-20-20 नियम को फॉलो करने की सलाह देते हैं। इसमें आपको काम के दौरान हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फुट दूर की किसी चीज को देखना है। इससे आपकी आंखों की मसल्स रिलेक्स होती हैं।
  • एसी में काम करने से बचें: डॉक्टर डामलेबताती हैं कि, एयर कंडीशनर में काम करने से ड्रायनेस की परेशानी बढ़ सकती है। एसी में काम करने से बचें। अगर एसी के बीच काम कर रहे हैं तो थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लें।
  • अंधेरे में काम न करें: कमरे की लाइटों को बंद कर काम न करें। डॉक्टर्स के मुताबिक, हमेशा कमरे में रोशनी के बीच या लाइट के बीच ही काम करें।
  • ब्रेक लें: लगातार काम करने से आपकी आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए कभी भी काम बिना ब्रेक के न करें। काम के दौरान कुछ देर में ब्रेक लेते रहें और नॉर्मल माहौल में घूमें। इसके अलावा अपने नॉर्मलभोजन के साथमल्टीविटामिन और एंटीऑक्सीडेंट फूड का भी उपयोग करें।
  • चेयर हाइट को एडजस्ट करें: डॉक्टर्स के मुताबिक आंखों की सेहत के लिए काम करते वक्त पॉश्चर और मॉनीटर के बीच बैलेंस करना बहुत जरूरी है। कोशिश करें की मॉनिटर की हाइट नीचे हो, क्योंकि नीचे देखने से आंखें थोड़ी ही खुलती हैं और ज्यादा लुब्रिकेंट इवेपोरेट(भाप बनकर उड़ना) नहीं होता।
  • एंटीग्लेयर का इस्तेमाल: कंप्यूटर स्क्रीन में एंटीग्लेयर या ब्लू फिल्टर इस्तेमाल करने की सलाह भी डॉक्टर देते हैं। एंटी ग्लेयर स्क्रीन की मदद से मॉनिटर स्क्रीन से निकलने वाली खतरनाक किरणों का असर आंखों पर कम होगा।
  • अगर चश्मा लगा है तो उपयोग करें: डॉक्टर के मुताबिक, जिन लोगों को चश्मा लगा है, वे इसका जरूर उपयोग करें। भले ही आपको बगैर चश्मे के भी साफ नजर आए, इसके बाद भी चश्मा जरूर लगाएं।

इन हालातों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
लॉकडाउन होने के कारण कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं, तो वहीं खाली बैठे बच्चेमोबाइल पर अपना ज्यादातर वक्त बिता रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स माता-पिता को बच्चों को कंट्रोल करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा अगर आप इन परेशानियों से जूझ रहे हैं तो मामला गंभीर हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • आंखों से जुड़ा काम करने पर ज्यादा तकलीफ होने लगे
  • आंख नहीं खोल पाएं
  • आंख में दर्द होने लगे
  • शाम होते-होतेसिर में दर्द
  • आंख मेंचुभन महसूस होने लगे
  • पढ़ते वक्त क्लैरिटी न मिल पाए

सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त गुजार रहे यूजर

  • मार्च 28 को हुए हैमरकॉफ कंज्यूमर सर्वे की रिपोर्ट बताती है किलॉकडाउन के पहले हफ्ते में भारतीय ने 280 मिनट प्रतिदिन सोशल मीडिया पर बिताए हैं। इससे पहले यह आंकड़ा 150 मिनट प्रतिदिन था। इस लिहाज से सोशल मीडिया यूसेज में करीब 87 फीसदी का इजाफा हुआ है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक75 प्रतिशत लोगों ने ज्यादा टाइम व्हाट्सएप, ट्विटर और फेसबुक जैसी ऐप्स पर खर्च किया है। नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में लगभग 1300 लोगों पर हुए सर्वे में पाया गया किओटीटी एंगेजमेंट में भी करीब 71 फीसदी का उछाल आया है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Screentime increases after lockdown increased eye patients; Workers from home should avoid working in AC, blink every 20 minutes


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3cJXqsi
https://ift.tt/2WJJGIx

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt, please let me know.

Popular Post