दुनिया में सबसे ज्यादा आशावादी भारतीय हैं। यहां उपभोक्ता आय और बचत में गिरावट के बावजूद आर्थिक सुधार को लेकर आशावान हैं। हाल ही के दिनों में हुए अलग-अलग सर्वे और रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। मैकेंजी एंड कंपनी के काेविड-19 कंज्यूमर सेंटिमेंट पल्स सर्वे में 57% लोगों ने भरोसा जताया है कि 2-3 महीनों में अर्थव्यवस्था सामान्य हो जाएगी। बीते महीने इप्सॉस के सर्वे में 63% ने इकोनॉमी में तेजी से रिकवरी की उम्मीद जताई थी।
मैकेंजी की रिपोर्ट: 93% मानते हैं एक साल में जीवन पहले जैसा हो जाएगा
रोजमर्रा के जीवन को लेकर भी देश में लोग ज्यादा आशावादी हैं। मैकेंजी के सर्वे में सिर्फ 7% लोगों ने कहा कि रूटीन सामान्य होने में एक साल से अधिक वक्त लगेगा। 93% का मानना है किएक साल के अंदर रूटीन पहले जैसा हो जाएगा। इन 93% में से 8% लोगों का मानना है किएक महीने में ही रूटीन पहले जैसा हो जाएगा। 35% का मानना था कि दिनचर्या चार से छह महीने में पटरी पर आ जाएगी।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम: भारत में लोग ज्यादा खर्च करने की तैयारी कर रहे
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लोग खर्च बढ़ाने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसी तरह का ट्रेंड चीन, इंडोनेशिया और नाइजीरिया में भी देखा गया है। जबकि अमेरिका, रूस, जर्मनी जैसे कई देशों में लोग खर्च कम करने की प्लानिंग कर रहे हैं। केपजेमिनी रिसर्च इंस्टीट्यूट के सर्वे में 57% भारतीयों ने कहा कि वे इस साल कार खरीदने पर विचार कर रहे हैैं।
डेटा फर्म यूगोव की रिपोर्ट: 48% भारतीयों को भरोसा, महामारी जल्द खत्म होगी
लंदन-स्थित ग्लोबल मार्केट रिसर्च और डेटा कंपनी यूगोव के सर्वे में कोविड जल्द खत्म होने को लेकर भी भारतीय लाेग काफी आशावान दिखे। भारत में करीब 48% लोगों ने कहा कि जुलाई के अंत तक महामारी खत्म हो जाएगी। जबकि बाकी दुनिया में 40% को महामारी जल्द खत्म होने की आशा है। अधिकांश लोगों ने माना कि इस संकट में कुछ न कुछ अच्छा भी हुआ है।
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